जिंदगी से अब मन ऊब गया: दरोगा की भतीजी ने घर से इतनी दूर गुरुद्वारे में ही क्यों दी जान? नोट में लिखी यह बात

मेरा जिंदगी से अब मन ऊब चुका है, पढ़ लिखकर मैं कुछ बन नहीं पाऊंगी, मैं पहाड़ों में घूमना चाहती हूं, शादी के बाद मैं घूम भी नहीं पाऊंगी…. यह लाइनें लिख दरोगा की भतीजी रितिका ने श्रीनगर स्थित गुरुद्वारे के कमरे में जान दे दी थी। इधर, श्रीनगर पुलिस ने सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को हवाले कर दिया। परिजन उसका शव लेकर अपने गृह जनपद ग्रेटर नोएडा रवाना हो गए। नवाबगंज थाने में तैनात दरोगा प्रमोद बैसला की भतीजी रितिका का शव रविवार को श्रीनगर के एक गुरुद्वारे में फंदे से लटकता मिला था। रितिका चाचा के घर पनकी में रहती थी। श्रीनगर पुलिस ने गुरुद्वारे के कमरे से रितिका का सुसाइड नोट बरामद किया है। इसमें उसने जिंदगी से ऊबकर जान देने की बात लिखी है। 

इधर जानकारी के बाद पनकी पुलिस की एक टीम परिजनों के साथ श्रीनगर पहुंची। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। पनकी एसीपी निशंक शर्मा ने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर छात्रा तनाव में थी।

 

तीन दिन से लापता छात्रा ने श्रीनगर के गुरुद्वारे में की खुदकुशी 

आपको बता दें कि तीन दिन से लापता पनकी निवासी 21 वर्षीय छात्रा रितिका वैसला ने श्रीनगर के एक गुरुद्वारे में फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। श्रीनगर पुलिस ने रविवार को इसकी जानकारी कानपुर पुलिस व रितिका के परिजनों को दी। 

 

नवाबगंज थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर प्रमोद वैसला पनकी डी ब्लॉक में परिवार के साथ रहते हैं। प्रमोद के मुताबिक उनकी भतीजी रितिका पिछले तीन महीने से उनके यहां थी। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए वह काकादेव में कोचिंग जाती थी। 

 

उसके परिवार वाले नोएडा में रहते हैं। दो दिसंबर को रितिका कोचिंग के लिए निकली थी, लेकिन घर नहीं लौटी। उसी रात पनकी थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई गई। एसीपी पनकी निशांक शर्मा ने बताया कि रविवार दोपहर को श्रीनगर पुलिस ने फोन कर बताया कि रितिका वैसला नाम की युवती ने खुदकुशी कर ली है। 

 



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