आशीश शर्मा/ यमुनानगर. जब माता-पिता किसी कारण अपने सपने को पूरा नहीं कर पाते तो वे अपने बच्चों से उन सपनों को पूरा करने की उम्मीद करते हैं. कुछ ही बच्चे ऐसे होते हैं जो अपने माता-पिता के सपने को पूरा कर पाते हैं . कुछ ऐसा ही कर दिखाया है यमुनानगर की कशिश अग्रवाल ने.
बता दें कि उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा में यमुनानगर की कशिश अग्रवाल ने 30 वीं रैंक हासिल किया है. कशिश अग्रवाल ने 30 वीं रैंक हासिल कर के अपने परिवार और जिले का नास रोशन किया है. कशिश के परिवार में पहले से कोई भी वकील या जज नहीं है. कशिश की मां जज बनना चाहती थी. किसी कारण उनका सपना पूरा नहीं हो पाया. जब कशिश छठी कक्षा में थी तो उसे इस बात का पता चला .तभी से कशिश ने अपने मन में ठान लिया की मां का सपना वह पूरा करेगी और जज बनकर दिखाएगी.
आसान नहीं रहा सफर
परिवार का कहना है कि बेटी शुरू से ही पढ़ाई में अच्छी रही है. उन्होंने लगभग सभी परीक्षाओं में टॉप किया है. वहीं, कशिश ने बताया कि उसने अपनी स्कूली शिक्षा डीपीएस यमुनानगर से पूरी की है. उसके बाद मुल्लाना युनिवर्सिटी से बीए एलएलबी पूरी करने के बाद उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा का एग्जाम दिया. लेकिन सुनने में यह जितना आसान लग रहा है. हकीकत इससे बिल्कुल उलट है. इस परीक्षा में 80 हजार युवाओं ने आवेदन किया था. जिनमें 50 हजार लोगों ने पेपर दिया था और 3145 युवाओं का मेंस की परीक्षा दिया था. इनमें से भी 959 युवाओं को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया. जिसमें कशिश का 30वां रैंक आया है.
बेटी पर है परिवार को गर्व
अब कशिश को बहुत जल्द सिविल जज जूनियर डिवीजन में नियुक्ति मिल जाएगी. कशिश की इस कामयाबी पर पूरा परिवार फूला नहीं समा रहा है. कशिश के माता-पिता, दादा और नाना को अपनी बिटिया पर नाज़ है. कशिश का कहना है कि उसने छठी कक्षा में जज बनने का सपना देखा और अपना लक्ष्य निर्धारित किया. हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क दोनों में तालमेल बिठाया और परिवार का सहयोग उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं था. मां ने जज बनने का सपना देखा था. जिसे अब वह पूरा कर रही है. बेटी ने जो कर दिखाया वह साधारण बात नहीं है. यही कारण है कि उनके घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.
.
FIRST PUBLISHED : September 06, 2023, 23:34 IST