नरेश पारीक/चूरू. अक्सर सांप का नाम सुनते ही लोगो की कम्पकम्पी छूट जाती है. सांपों की प्रजाति में से एक सा स्केल वाइपर इतना जहरीला सांप होता है कि इसके काटने के के बाद सही समय पर उपचार ना मिले तो व्यक्ति की मौत भी हो जाती है. चूरू जिले में इन दिनों इस जहरीले सांप का आतंक बना हुआ है. हर सप्ताह करीबन तीन चार मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि विशेषज्ञ बताते हैं कि सभी सांप जहरीले नही होते. लोग काटने के बाद अक्सर डर व अज्ञानता के चलते इन्हें मार भी देते हैं. दरअसल भादरा तहसील के गांव अलायला में 4 वर्षीय मासूम को सांप के काटने का मामला सामने आया था. जहां परिजन मासूम के साथ ही काटने वाले जीवित जहरीले सांप को भी जिला अस्पताल के आपातकालीन वार्ड अपने साथ लेकर पहुंचे.
परिजनों ने बताया कि अलायला निवासी 4 वर्षीय नवीन अपने परिजनों के साथ खेत गया हुआ था जहां उसे साँप ने काट लिया जिसके बाद पहले उसे गांव की गोगामेड़ी लेकर गए और बाद में तारानगर अस्पताल लेकर पहुँचे जहां से चिकित्सको ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल के लिए रैफर कर दिया जहां चिकित्सक और नर्सिग स्टाफ मासूम का उपचार कर रहे हैं.
इसलिए साथ लाएं जहरीला सांप
जिंदा जहरीले सांप को अपने साथ डिब्बे में कैद बंद कर अस्पताल पहुँचे परिजनों ने बताया कि अक्सर चिकित्सको को काटने वाले साँप की प्रजाति का पता नही चलने पर उपचार में परेशानी होती है लेकिन साँप की प्रजाति का पता चलने पर जहर की झमता का अनुमान लगाने से उसी के अनुसार उपचार में आसानी होती है और पीड़ित की जान बचाई जा सकती है.
जंगल कटने से घरों में घुस रहे सांप
विशेषज्ञय प्रोफेसर केसी सोनी बताते हैं कि सभी साँप आक्रामक नही होते हैं उन्हें छेड़ने या परेशान करने पर गुस्से में आकर वह हमला कर देते हैं.शहर के आस-पास काफी जंगल थे जहां ये स्वंत्र रूप से विचरण करते थे लेकिन पिछले कुछ सालों में जंगलों को काटकर कॉलोनियाँ खड़ी कर दी है. ऐसे में ये साँप भोजन की तलाश में घरों में घुस जाते हैं.जहां खतरा महसूस होने पर काट भी लेते हैं.
चूरू में पायी जाती है 18 प्रजाति
प्रोफेसर केसी सोनी ने बताया कि चूरू जिले में करीब 18 सांपों की प्रजाति पायी जाती है जिसमे 14 जहरीले नही है चार प्रजाति ही जहरीली है. काला नाग (कोबरा), पिउना साँप,बांडी दो तरह की होती है एक रसेल वाइपर सा स्केल वाइपर जिनके काटने पर सही समय पर उपचार नही मिलने पर मौत भी हो जाती है.
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FIRST PUBLISHED : December 03, 2022, 19:57 IST