चाय नहीं चौरसिया जी की दुकान पर होती है लिट्टी पर चर्चा, लगती है लोगों की भीड़

उधव कृष्ण/पटना. पुरानी कहावत है कि ‘अगर किसी काम को पूरी शिद्दत से किया जाए तो उसका परिणाम अविश्वसनीय होता है. ‘ये कहावत चौरसिया जी की पुरानी लिट्टी दुकान’ पर सटीक बैठती है. साल 1956 से संचालित इस दुकान की पहचान आज देश ही नहीं, विदेशों में भी है.

दुकान के मालिक आयुष चौरसिया बताते हैं कि उनके दादाजी गोविंद चौरसिया ने यह दुकान साल 1956 में शुरू की थी. उसके बाद आयुष के पिताजी अजय कुमार चौरसिया ने दुकान की कमान संभाली. आयुष तीसरी पीढ़ी के हैं. वे कहते हैं कि वे सिर्फ लिट्टी की दुकान भर नहीं है, बल्कि एक परंपरा है. जिसका निर्वहन तीन पीढ़ियों से होता चला आ रहा है.

यहां होती है लिट्टी पर चर्चा

आयुष ने बातचीत के क्रम में न्यूज 18 लोकल को बताया कि जैसे चाय पर चर्चा होती है, उसी तरह बिहार के प्रमुख केंद्र पटना जंक्शन के पास स्थित इस पुरानी लिट्टी की दुकान में लिट्टी पर चर्चा होती है. राजनीति से लेकर कई अन्य मुद्दों पर लोग यहां घंटों बातचीत करते नजर आते हैं. क्या पुलिस क्या नेत, सभी इस दुकान में मिलने वाली बेहतरीन लिट्टी और चोखे के स्वाद के मुरीद हैं.

12 रुपए पीस है लिट्टी की कीमत

पटना जंक्शन से जीपीओ की तरफ बढ़ने पर मस्जिद के कुछ आगे सड़क की दूसरी तरफ ‘चौरसिया जी कीपुरानी लिट्टी दुकान’ स्थित है. सुबह से शाम 07 बजे तक संचालित होने वाली इस दुकान पर दुकान के बंद होने तक ग्राहकों की अच्छी-खासी भीड़ देखने को मिलती है. यही कारण है कि 10-12 स्टाफ यहां सुबह से काम करते हैं. लिट्टी लेने के लिए टोकन की व्यवस्था है.आयुष चौरसिया बताते हैं कि वर्तमान में यहां 12 रुपए पीस लिट्टी बिकती है.दुकान काफी पुरानी है. इसलिए यहां बैठ कर लिट्टी खाने से एक ट्रेडिशनल गांव वाली फील भी होती है.

Tags: Bihar News, Local18, PATNA NEWS

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