रामकुमार नायक/महासमुंद. भारत द्वारा चंद्रमा के परीक्षण हेतु चंद्रयान 3 की चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर सफलता पूर्वक लैंडिंग की गई. इस काम में देश की संस्था ISRO यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान के हजारों वैज्ञानिकों, इंजीनियर और सहयोगियों के कई साल की मेहनत का फल है. इस चंद्रयान 3 के सफल लैंडिंग में छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के ज्ञानेंद्र कश्यप का भी महत्वपूर्ण योगदान है. कश्यप ने इस सेटेलाइट के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के कैमरे के सेंसर पर काम किया है.
ज्ञानेंद्र कश्यप महासमुंद जिला मुख्यालय से 103 किमी. दूर ग्राम सिंघनपुर के मूल निवासी हैं. जिले के बसना निवासरत डॉक्टर एसपी कश्यप के छोटे सुपुत्र ज्ञानेंद्र के हायर सेकेंडरी तक की शिक्षा बसना के ही शासकीय विद्यालय में हुई है. इसके अलावा पुसद महाराष्ट्र से इंजीनियरिंग की शिक्षा ग्रहण की है. ज्ञानेंद्र कश्यप का ISRO में सन 2000 में नियुक्ति हुई है. वर्तमान में ज्ञानेंद्र ISRO में सीनियर साइंसिस्ट के पद पर कार्यरत हैं.
IIT धनबाद से की इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनिंग
ज्ञानेंद्र कश्यप के भतीजे अंशुल कश्यप IIT धनबाद से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर है और अभी वर्तमान में Qullcom कंपनी में जॉब कर रहे हैं. आयुष कश्यप MBBS डॉक्टर हैं. वर्तमान में PG के लिए तैयारी कर रहे हैं. ज्ञानेंद्र कश्यप अघरिया समाज से आते हैं. अखिल भारतीय अघरिया समाज के केंद्रीय अध्यक्ष भुवनेश्वर पटेल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष गेसमोती पटेल, कोषाध्यक्ष द्वारिका पटेल, पदाधिकारी दीनदयाल पटेल, धनंजय पटेल, विजय पटेल, बसना अध्यक्ष संतकुमार पटेल, कोषाध्यक्ष भेषकुमार पटेल समेत समाजिक बंधुओं ने हर्ष व्यक्त किया है. ज्ञानेंद्र कश्यप के इस असाधारण उपलब्धि पर महासमुंद जिला छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे भारत देश को उनपर गर्व है.
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FIRST PUBLISHED : August 26, 2023, 11:29 IST