कमल पिमोली/श्रीनगर गढवाल. भले ही सरकार सड़क सुरक्षा व एनएच से अतिक्रमण हटाने को लेकर तमाम दावे कर रही है लेकिन हालात कुछ ओर ही है. दिसंबर 2016 में चारधाम परियोजना (ऑल वेदर रोड) का शुभारंभ किये जाने के बाद कयास लगाये जा रहे थे कि अब पहाड़ों में सफर आसान हो जाएगा व सड़क दुर्घटनाओं में कमी आयेगी. लेकिन ऑल वेदर रोड बनने के बाद स्थिति अलग दिख रही है. लगातार भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही है तो वहीं राजमार्ग पर सडक हादसों में भी इजाफा हुआ है. ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग 07 पर श्रीनगर गढ़वाल में राजमार्ग मौत का हाईवे साबित हुआ है. यहां कीर्तिनगर पुल से लेकर स्वीत पुल के बीच 10 किमी के दायरे में सड़क दुर्घटना में बीते 5 सालों में 16 मौते हो चुकी है.
सड़क दुर्घटना में 16 मौतों का आकड़ा शायद छोटा लग सकता है. लेकिन 10 किमी के दायरे में और वह भी आबादी वाले इलाके में सड़क हादसों का होना सामान्य बात नहीं है. अगस्त 2018 से लेकर अगस्त 2023 के आंकड़ों के अनुसार यहां 16 मौते व 30 से अधिक लोग चोटिल व गंभीर रूप से घायल हुए हैं. यहां सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वालों में अधिकांश लोग श्रीनगर व आस-पास के इलाके के हैं. जबकि एक-एक व्यक्ति उत्तर प्रदेश, कीर्तिनगर टिहरी व रुद्रप्रयाग के शामिल है.
क्या है दुर्घटना का मुख्य कारण ?
आरटीआई कार्यकर्ता कुशलानाथ का कहना है कि एनएच 07 पर दुर्घटनाएं होने का सबसे बड़ा कारण एनएच पर हुआ अतिक्रमण है. शहर में राजमार्ग के किनारों पर नालियों व फुटपाथ का निर्माण किया गया था. जिस पर पैदल आवाजाही करने वाले चल सके, लेकिन वहां अतिक्रमण कर पार्किंग बना दिए गये. फुटपाथ पर चौपहिया व दुपहिया वाहन खड़े रहते हैं. साथ ही कई जगह ठेली फड़ लगाये गये हैं. जिसके चलते लोगों को राजमार्ग पर ही आवाजाही करनी पड़ती है. जब स्थानीय लोग पैदल राजमार्ग पर आवाजाही करते हैं तो ऐसे में तेज रफ्तार वाहन से उनकी टक्कर हो जाती है. आरटीआई कार्यकर्ता कुशलानाथ का कहना है कि एनएच के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए.
10 किमी के दायरे में 4 बड़े शैक्षणिक संस्थान
कीर्तिनगर पुल से लेकर स्वीत पुल के बीच 10 किमी के दायरे में चार बड़े शैक्षणिक संस्थान एनआईटी उत्तराखंड, पॉलिटेक्निक कॉलेज, गढ़वाल विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज समेत कई छोटे-बड़े स्कूल भी हैं. जिससे सड़क पर आवाजाही अधिक होती है. साथ ही एनएच के पास ही उप जिला अस्पताल व बेस अस्पताल भी मौजूद है. ऐसे में यहां सड़क पार करने को लेकर लगातार आवाजाही होती रहती है. अगर सड़क सुरक्षा व अतिक्रमण को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो आने वाले समय में हादसों के आंकडों में इजाफा हो सकता है.
तेज रफ्तार पर फोड़ा दुर्घटना का ठीकरा
वहीं लोक निर्माण विभाग खंड एनएच श्रीनगर के अधिशासी अभियंता निर्भय सिंह ने लोकल 18 से फोन पर वार्ता में बताया कि एनएच पर जो भी अतिक्रमण हुआ है. उसे चिन्हित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गये हैं. जिससे अतिक्रमण हटाया जा सके. वहीं एनएच पर हो रही दुर्घटनाओं को लेकर अधिशासी अभियंता निर्भय सिंह ने बताया कि तेज रफ्तार की वजह से भी हादसे हुए हैं. अतिक्रमण ही एक वजह नहीं है. साथ ही एनएच फुटपाथ पर खड़े वाहनों को लेकर बताया कि ये अस्थाई पार्किंग है कोई यात्री जब आता है तो कुछ समय के लिए अपना वाहन यहां पार्क कर देता है. एनएच पर कोई स्थाई पार्किग नहीं है. अतिक्रमण के खिलाफ लगातार कार्रवाई किया जा रहा है.
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FIRST PUBLISHED : September 02, 2023, 17:13 IST