जितेन्द्र कुमार झा/लखीसराय. वह प्यार का सिला बताने में माहिर है तो वफाएं याद करने की काबिलियत भी रखता है, क्योंकि वह इश्क में चोट खाया है, इसलिए आशिकों के दिल की बात बयां करने की चाहत रखता है. ये बातें कही उभरते हुए गायक संतोष सिंघानिया ने. संतोष की इन दिनों धूम है. ईश्वर ने उन्हें आवाज दी है. लेकिन परिवार चलाने के लिए रोज शाम को विद्यापीठ चौक पर चाऊमीन और बर्गर की दुकान लगाता है.
गायक संतोष सिंघानिया को बचपन से ही गाने का बहुत शौक था, लेकिन पिता संगीत में करियर बनाने को लेकर एकदम खिलाफ थे. उसी के कारण संतोष ने घर छोड़कर लखीसराय में किराए पर रूम लेकर रहने का फैसला ले लिया. दोस्तों से कुछ पैसे लेकर फास्ट फूड की दुकान भी खोल लिया और संगीत का रियाज भी जारी रखा है. संतोष अपनी गायकी के चलते युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं. संतोष ने बताया कि परिवार चलाने का भी दबाब है. फास्ट फूड बेचने के बाद जो भी वक्त मिलता है उसको जाया होने नहीं देते हैं और सबसे छिपकर संगीत का रियाज करते हैं.
पवन सिंह और खेसारी लाल यादव का जबरा फैन है संतोष
ना कौनो हाट ना बजरिया से होला, प्यार नईखे लिखल हाथ के लकीर में, दिल ना लगाईह फेरू जान आई इत्यादि गानों से भोजपुरी इंडस्ट्री में शोहरत पाने वाले भोजपुरी गायक पवन सिंह के साथ-साथ खेसारी लाल यादव संतोष जबरा फैन है. संतोष ने बताया कि वह सैड सॉन्ग इसलिए गाते हैं कि जिन भाइयों का प्यार में दिल टूटा हो, उनको सुकून मिल पाए. हालांकि एक अच्छा मंच नहीं मिलने से संतोष काफी मायूस हैं. संतोष ने बताया कि हिम्मत नहीं हारी है और हौंसला बुलंद है. अब भी काफी मजबूती से गाना गाने के साथ-साथ घर परिवार को भी चला रहे हैं. संतोष ने बताया कि यह आशा जरूर है कि उसका भी वक्त आएगा और एक दिन सितारा बनकर जरूर चमकेंगे.
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FIRST PUBLISHED : September 05, 2023, 11:26 IST