large copper deposits in bhilwara: भीलवाड़ा जिले के दो गांवों में लोहे और ताम्बे के भंडार खनिज विभाग के ड्रिलिंग में बड़े संकेत मिले हैं। 1100 साल पुराने धातु पिघलाने के कारख़ाने की जानकारी मिलने के बाद यहां सर्वे किया गया था। इस सर्वे में अभ्रक, सॉफ्ट स्टोन और चायना क्ले के पहले से ही विपुल भंडार है।

हाइलाइट्स
- भीलवाड़ा के चांदगढ़ में खान एवं भूविज्ञान विभाग को खुदाई में मिली खुशखबरी
- यहां ऊपरी सतह में आयरन और अंदर कॉपर मिला है
- देश में सर्वाधिक 54 प्रतिशत तांबे का भंडार राजस्थान में है
- लौह अयस्क और तांबे के भंडार मिले, सर्वे में आए शुभ सकेंत
लौह अयस्क और तांबे के भंडार मिले, सर्वे में आए शुभ सकेंत
अभ्रक की खानों से अभ्रक निकालने में राजस्थान देश में बिहार के बाद दूसरे स्थान पर है। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में जिंक, सॉफ्ट स्टोन और चाइना क्ले के साथ-साथ अब शुरुआती दौर में लौह अयस्क और तांबे के भंडार (Large Copper Deposits In bhilwara) मिलने के बड़े संकेत मिले हैं। भीलवाड़ा जिले के कोटडी उपखंड के चांदगढ़ और नाहरगढ़ गांव में धातु पिघलाने के प्लांट के प्रमाण मिलने के बाद शुरू हुए सर्वे के बाद की गई ड्रिलिंग में यह शुभ संकेत मिले हैं।6 बोरवेल चांदगढ़, में और 29 बोरवेल नाहरगढ़ में
खनिज विभाग के अनुसार अभी फिलहाल चांदगढ़ में 450 हेक्टर के दो ब्लॉक और नाहरगढ़ में 300 हेक्टर के एक ब्लॉक में सर्वे किया गया था। जिनमें से चांदगढ़ में 5 बोरवेल में 300 से 400 मीटर की खुदाई के बाद कॉपर मिला है। ऐसे 6 बोरवेल और चांदगढ़ में और 29 बोरवेल नाहरगढ़ में खोदे जाएंगे। राजस्थान के खनिज विभाग ने आरएसएमईटी के माध्यम से भीलवाड़ा जिले के कोटड़ी उपखंड के चांदगढ़ गांव में लौह अयस्क के लिए कुल 3500 मीटर डीलिंग का कार्य करवाया है। ड्रिलिंग के दौरान तीन बोरवेल में तांबा और लोहा अयस्क इंसेक्ट हुआ है। फिलहाल यह कोर ड्रिलिंग है लेकिन इसके अध्ययन से पता चलता है कि इस क्षेत्र में लौह अयस्क और तांबे के अच्छे भंडार मिल सकते हैं।
डीप बोरवेल से 600 से 700 मीटर तक गहराई में खुदाई की जाएगी
खनिज विभाग के अधिकारियों ने यह भी बताया कि अब भविष्य में आधुनिक हाई परफ़ोरमेंस मशीनों से डीप बोरवेल से 600 से 700 मीटर तक गहराई में खुदाई की जाएगी। खनिज विभाग के भू वैज्ञानिको ने यह भी बताया कि शुरुआत में सरफेस मेकिंग की गई। फिर सैंपल कलेक्ट कर के खुदाई का काम शुरू किया गया। इसमें लोहा अयस्क और तांबे के संकेत मिले हैं। अभी यह कहना जल्दबाजी होगा कि इस क्षेत्र में लोहा अयस्क और तांबे की खुदाई आर्थिक रूप से सही होगी, लेकिन शुरुआती अन्वेषण और मामूली गहराई 50 से 60 मीटर तक मैं ही आयरन और और तांबे के भंडार मिलने के अच्छे संकेत मिले हैं।
रिपोर्ट-प्रमोद तिवारी
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