विनय अग्निहोत्री/भोपाल: भारत हमेशा से ही अपनी सांस्कृतिक परंपराओं के लिए जाना जाता रहा है. हमारी अनूठी संस्कृति विश्वभर में प्रसिद्ध रही हैं. हालांकि, देखा जाए तो बदलते समय और आधुनिकता की होड़ में आज हम अपनी सांस्कृतिक परंपराओं को पीछे छोड़ते चले जा रहे हैं. इन्हीं में से एक है लोक कला. भारत में लोक संस्कृति का एक अलग महत्व रहा है. बदलते वक्त के साथ आज भी ऐसी बहुत सारी प्राचीन लोक कलाएं जो लुप्त होने की कगार पर है. शायद कुछ लोक कला तो काफी समय पहले ही समाज से गुम तक हो चुकी है. इन्हीं में से एक ‘मांडणा चित्रकारी’ लोक कला है.
भोपाल की प्रेरणा शर्मा करीब 12 साल से ट्रेडिशनल आर्टिस्ट है. प्रेरणा मध्य प्रदेश की चित्रकार मांडणा बनाती आ रही हैं. चित्रकार के रूप में अपने अब तक के जर्नी को लेकर वह बताती हैं- मैं अपने एक फ्रेंड के यहां आज से करीब 10 साल पहले गई थी. वहां मुझे मध्य प्रदेश की चित्रकारी मांडवा बेहद पसंद आई और मुझे वहीं से प्रेरणा मिली क्यों ना मैं मैं भी चित्रकारी करूं. बस तभी चित्रकार से जुड़कर मैंने 3 महीने का कोर्स किया और तब से मैं चित्रकारी कर रही हूं. देश भर के और मध्य प्रदेश के एग्जीबिशन में प्रेरणा ने स्टॉल लगाया है.
भोपाल की प्रेरणा शर्मा ने बताया कि मैं अपनी पेंटिंग्स सेल करती हूं. इसके अलावा मैं ज्वेलेरी और मिट्टी के गणेश जी भी बनाती हूं. अपने करियर के शुरुआती दिनों में मुझे पेंटिंग बनाने के लिए खूब मेहनत करनी पड़ी. लेकिन, धीरे-धीरे मैं इसमें माहिर होती गई. इनके पेंटिंग के प्राइस 150 रुपए से शुरू होकर 2000 तक है.
पूरे घर का खर्च चला रही
वहीं, अंत में बताते चलें कि आज इस ट्रेडिशनल आर्ट बनाकर वह अपने पूरे घर का खर्च चल रही हैं. वह बताती है कि आर्ट को लेकर लोगों का रिस्पांस काफी अच्छा मिल रहा है. कई जगह से ऑनलाईन ऑर्डर भी आते हैं, तो वह आर्डर को कोरियर से भेजती है. फिलहाल खजुराहो महोत्सव झांसी में प्रेरणा ने ‘मांडणा चित्रकारी’ एग्जिबिशन लगाया है.
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FIRST PUBLISHED : September 19, 2023, 21:56 IST