कोरोनाकाल में छूटी नौकरी तो मधुबनी आर्ट में आजमाया हाथ,विदेशों तक फैला कारोबार

कैलाश कुमार/बोकारो. मधुबनी चित्रकला में एक उभरता हुआ नाम है रुचि प्रेरणा. वे बोकारो के कोऑपरेटिव कॉलोनी में रहती हैं. पारंपरिक परिधानों के अलावा रुचि शर्ट, सूट, साड़ी, बेडशीट पर मधुबनी कलाकृति कर अच्छी कमाई कर रही हैं. लोकल 18 से रुचि ने कहा कि वह ‘रुचि एथेनिक मिथिला हाट’ के नाम से बिजनेस कर रही हैं. इसके जरिए देश और विदेशों में मधुबनी पेंटिंग पहुंचा रही हैं.

रुचि ने बताया कि इस काम की शुरुआत उन्होंने कोरोनाकाल में की थी. इससे पहले वे एक स्कूल में प्रिंसिपल थीं, लेकिन कोरोनाकाल में ही उनकी नौकरी छूट गई थी. तब उन्होंने अपने भाई के सुझाव पर मधुबनी वॉल पेंटिंग पर काम करना शुरू किया और पेंटिंग बनाकर सोशल मीडिया पर बिक्री शुरू की. इसके बाद ग्राहकों की अच्छी प्रतिक्रिया को देखते हुए उन्होंने इस काम को जारी रखा.

आज उनके साथ लगभग 40 महिलाएं जुड़ी हैं, जो उनके इस व्यापार में हाथ बंटाती हैं. रुचि ने बताया कि इनके यहां खास तौर पर कॉटन, तसर और गीचा की साडियों पर मधुबनी कलाकृति से जुड़ा काम होता है. इसकी कीमत 2 हजार रुपए से लेकर 10 हजार रुपए तक है. इसके अलावा टी-शर्ट, शर्ट, सूट, कुर्ता पर मधुबनी पेंटिंग की कीमत 1000 से शुरू है. वहीं वॉल पेंटिंग, कैरी बैग 500 से लेकर 1000 तक है.

रुचि ने बताया कि वे बिहार के दरभंगा से ताल्लुक रखती हैं. उन्होंने 2003 में रेनूबाला से मधुबनी चित्रकारी में प्रशिक्षण लिया था. यह सारा सामान वह इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप में रुचि एथेनिक मिथिलाहट के नाम से बिक्री करती हैं. उनके यहां सबसे अधिक ऑर्डर कैरी बैग और कुर्ते की आती है. उनके द्वारा बनाई गई पेंटिंग की डिमांड भारत के अलावा अमेरिका के कैलिफोर्निया और दक्षिण अफ्रीका में भी है.

Tags: Art and Culture, Bokaro news, Local18

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