केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान को मिली सफलता: लैप्रोस्कोप दूरबीन विधि द्वारा कृत्रिम गर्भाधान (AI) से जन्मा बकरी का प्रथम नर मेमना

मथुरा43 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

मेमने और बकरी के साथ इस सफलता को हासिल करने वाले वैज्ञानिक

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अधीनस्थ मथुरा में स्थित केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान मखदूम फरह ने इतिहास रचा है। केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने बकरी में हैमीकृत (फ्रोजन) वीर्य का उपयोग कर लैप्रोस्कोप तकनीक द्वारा कृत्रिम गर्भाधान कर बकरी मेमने को जन्म देने में सफलता प्राप्त की है।

नर मेमने का नाम रखा अजायश

लैप्रोस्कोप द्वारा बकरी में गर्भाधान से मेमने का जन्म भारत में वैज्ञानिकों द्वारा किया गया प्रथम सफल प्रयास है। लैप्रोस्कोप द्वारा बकरी में गर्भाधान से जन्मे इस नर मेमने का नाम संस्थान निदेशक डॉ मनीष कुमार चेटली द्वारा अजायश रखा गया है। जन्म लेने वाला मेमना एवं उसकी मां पूर्णतः स्वस्थ हैं।

लैप्रोस्कोप द्वारा बकरी में गर्भाधान से जन्मा मेमना

लैप्रोस्कोप द्वारा बकरी में गर्भाधान से जन्मा मेमना

इस तकनीक से बकरी पालन होगा समृद्ध

परियोजना प्रभारी वैज्ञानिक डॉ योगेश कुमार सोनी ने बताया कि दूरबीन तकनीक द्वारा कृत्रिम गर्भाधान (Laparoscopic Artificial Insemination) तकनीक भेड़ एवं बकरियों में प्रयोग होने वाली एक नयी पद्धति है जिसके द्वारा उच्च गर्भधारण दर के साथ-साथ उच्च कोटि के नर बकरों के वीर्य का अधिक से अधिक इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे बकरी पालन और भी समृद्ध होगा ।

लैप्रोस्कोप द्वारा बकरी में गर्भाधान से मेमने का जन्म भारत में वैज्ञानिकों द्वारा किया गया प्रथम सफल प्रयास है

लैप्रोस्कोप द्वारा बकरी में गर्भाधान से मेमने का जन्म भारत में वैज्ञानिकों द्वारा किया गया प्रथम सफल प्रयास है

सफलता पर निदेशक ने दी बधाई

संस्थान के निदेशक डॉ मनीष कुमार चेटली ने वैज्ञानिकों की इस उपलब्धि की सराहना की एवं इस शोध टीम में शामिल वैज्ञानिकों डॉ एस.डी. खर्चे, प्रधान वैज्ञानिक डॉ योगेश कुमार सोनी, डॉ एस.पी. सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ रवि रंजन वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं डॉ आर पुरूषोत्मन, प्रधान वैज्ञानिक को विशेष उपलब्धि पर बधाई दी ।

खबरें और भी हैं…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *