किसान की मेहनत रंग लाई5 बीघा में कर रहे हैं इस चीज़ की खेती होरही शानदार कमाई

भास्कर ठाकुर/सीतामढ़ी: सब्जी की खेती से किसानों की तकदीर बदल रही है. सीमित जमीन पर मौसमी सब्जी की खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा करे हैं. यही वजह है कि पारंपरिक खेती को तबज्जो न देकर किसान अब नगदी फसल पर फोकस कर रहे हैं. सीतामढ़ी के किसान भी अब पारंपरिक खेती को छोड़कर कम समय में अधिक मुनाफा देने वाली सब्जी सहित अन्य प्रकार के फसलों की खेती करना प्रारंभ कर दिया है. सीतामढ़ी जिला के सैरभर गांव के रहने वाले पिता-पुत्र की जोड़ी अपनी मेहनत से न सिर्फ अलग-अलग तरह की सब्जियों की खेती कर रहे हैं बल्कि मुनाफा भी कमा रहे हैं. किसान प्रकाश सिंह अपने पुत्र गोपी के साथ मिलकर 4 से 5 बीघे की जमीन पर सब्जी की खेती कर रहे है. सब्जी की खेती करने से फायदा यह हुआ कि किसान को रोजाना आमदनी हो रहा है.

किसान प्रकाश सिंह ने बताया कि लगभग पांच बीघा में सब्जी की खेती पुत्र गोपी के देखरेख में कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि 7 कट्ठे में परवल, 10 कट्ठे में बैंगन, 5 कट्ठे में झिमनी, 8 कट्ठे में लौकी, 10 कट्ठे में भिंडी एवं 2 बीघा में घीया की खेती कर कर रहे हैं. किसान प्रकाश सिंह के पुत्र गोपी ने बताया कि जितनी कमाई लोग बाहर जाकर नहीं कर पाते हैं उससे अधिक घर पर रहकर सब्जी की खेती के जरिए कर ले रहे हैं. किसान प्रकाश सिंह ने बताया कि सब्जी की खेती में कमाई मौसम पर निर्भर करता है. उन्होनें बताया कि बाजार में 30 से 35 रुपए किलो परवल बिकता है. वहीं झीगूनी की कीमत 30 रूपए प्रति किलो, भिंडी 20 रुपए और बैगन की कीमत 25 रुपए व्यापारिक कीमत है.

हर माह 50 हजार से अधिक की हो रही है कमाई
किसान प्रकाश सिंह ने बताया कि अभी बरसात का महीना है तो हर 2 से 3 दिन पर 5 हजार रुपए तक की कमाई हो जाती है. जबकि इससे पहले यानि सुखे के समय में ही हप्ते 15 से 20 हजार तक की कमाई हो जाती थी. उन्होंने बताया कि व्यापारी खेत पर आकर खुद सब्जी ले जाते हैं. अगर कोई व्यापारी खेत पर आकर सब्जी ले जाता है तो उनको 5 से 10 रुपए सस्ते भाव में सब्जी उप्लब्ध कराया जाता है. उन्होंने बताया कि शुरू से हीं लोग सब्जी की खेती करते आ आ रहे हैं. सब्जी की खेती का चलन इस लिए बढ़ा कि अनाज की कम उपज होने के चलते किसान को ज्यादा मुनाफा नहीं हो पा रहा था. यदि लोग ढंग से सब्जी की खेती करें तो पारंपरिक खेती से चार गुणा अधिक मुनाफा काम सकते हैं. उन्होंने बताया कि सब्जी में कीड़ा लगने का डर अधिक रहता है. इससे बचने के लिए राख का छिड़काव करते हैं, इससे बेहतर कोई रसायनिक दवा भी नहीं है.

.

FIRST PUBLISHED : September 02, 2023, 15:43 IST

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *