कामकाजी लोग खाने की ना लें टेंशन, यहां 60 रुपए में मिलेगा भरपेट खाना

रुपांशु चौधरी/हजारीबाग. हजारीबाग जिला रोजगार के लिए उपयुक्त जिला है. जिले में एनटीपीसी, त्रिवेणी, और कई कंपनियां होने कारण अन्य जिलों से लोग काम के लिए आते हैं. ऐसे में इन सब के साथ सबसे बड़ी समस्या खाने की होती है. लोग एक दिन के लिए बाहर का खाना खा सकते हैं, लेकिन हर बार बाहर तेल मसालें से भरपूर खाना लोगों को पसंद नहीं आता है. ऐसे में अगर आप हजारीबाग में बेहतरीन कम तेल मसालें में बना घर जैसा खाना खाना चाहते हैं तो हजारीबाग के मटवारी स्थित मां की रसोई बेहतरीन विकल्प बन सकता है.

मां की रसोई संचालक हरेंद्र बताते हैं कि मैं खुद नौकरी पेशे वाला आदमी था मैंने खुद यह ऑब्जर्व किया कि बाहर जाकर नौकरी करने वालों के लिए खाने की बहुत बड़ी समस्या होती है. इस कारण हजारीबाग में मां की रसोई  खोली. रसोई में सातों दिन तक अलग-अलग व्यंजन खाने को मिलते हैं. साथ ही सप्ताह में 2 दिन नॉनवेज चिकन और मटन का ऑप्शन भी उपलब्ध है. रोजाना खाने में एक हरी सब्जी अनिवार्य होती है. साथ ही सलाद पापड़ और अचार भी दिया जाता है.

मां की रसोई के दूसरे संचालक रंजीत पाठक बताते हैं कि मेस में दो प्रकार के भोजन उपलब्ध हैं. पहला स्टूडेंट के लिए दुसरा काम काजी लोगों के लिए. मेस में किचन का काम आधिकांश महिलाएं ही संभालती हैं. स्टूडेंट में लिए 2400 मासिक शुल्क है, दोपहर और रात्रि भोजन के लिए होम डिलीवरी के लिए 600 रुपए अतिरिक्त देने होंगे.

60 रुपए में मिलेगी थाली
वहीं, काम काजी लोगों के लिए 3600 रुपए शुल्क है. और डिलीवरी शुल्क 600 रुपए प्रति माह है. मेस में थाली का भी ऑप्शन है, जिसका मूल्य 60 रुपए है. इस मेस में भोजन खाने के लिए आप हजारीबाग मटवारी स्तिथ मां की रसोई मेस में जा सकते है.

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