कहां से दें दहेज? 5 वीं कक्षा तक पढ़े झारखंड के किसान की कविता वायरल

रुपांशु चौधरी/हजारीबाग. दहेज उन्मूलन और बेटियों के लिए बराबरी के हक की बात करते हुए हजारीबाग के कवि संजीत दिलवाला तूफानी की कविता ‘कहां से दें दहेज’ इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है. इस कविता के माध्यम से संजीत समाज में दहेज प्रथा पर चोट कर रहे हैं. वे स्वंय 5 वीं कक्षा तक पढ़े है.

संजीत दिलवाला तूफानी ने लोकल 18 को बताया कि वो हजारीबाग के कटकमसांडी प्रखंड के सुल्ताना गांव के रहने वाले है. उन्होंने 5 वीं कक्षा तक पढ़ाई की है. फिर भी हिंदी आसानी से पढ़ लेते है. उन्होंने आगे बताता कि उन्हें बचपन से ही कविताएं पढ़ने और लिखने का शौक है. जिस कारण वो अभी तक कई कविताएं लिख चुके है. आगे जाकर संजीत कविताओं की किताब लिखना चाहते है.

कई कविताएं हो चुकी है वायरल
संजीत बताते हैं कि कि उनकी अधिकांश कविताएं सामाजिक कुरीतियां और लोक परंपराओं पर स्थानीय भाषाओं में रहती है. जिस कारण स्थानीय लोग उनकी कविताओं से और भी जुड़ पाते हैं. इससे पूर्व में उनका ‘कारिया बैंगन का खेत’ और ‘टमाटर में कोरोना’ नाम की कविता भी खूब वायरल हुई थी.

फुल टाइम किसान हैं संजीत
संजीत कहते है कि वे फूल टाइम किसान है. जिस कारण उनकी अधिकांश कविताओं में गांव, किसान और समाज की झलक दिखती है. संजीत अपने खेतों में धान, गेंहू के साथ में स्ट्रॉबेरी की खेती करते है. साथ ही अपने आस पास के क्षेत्र में जाकर अपनी कविता को सुनाते है.

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