दरअसल, कमलनाथ ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ‘ये है भाजपा का आज उजागर हुआ असली रिपोर्ट कार्ड। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में कोलारस विधायक जी के इस्तीफे के कारण। भाजपा में जारी महल का कहर। अखंड भ्रष्टाचार की राशि को ‘प्रसाद-नेग’ बताते हुए, उसकी सरेआम मंच पर ही बेशर्म मांग। जोड़-तोड़ की सरकार बनाने के बाद मध्यप्रदेश में मची त्राहि-त्राहि और भ्रष्टाचार के साथ भाजपाई मंत्रियों के अन्य ऐब। इस रिपोर्ट कार्ड के बाद भाजपाइयों को कुछ और सफाई देनी है क्या? जनता तो भाजपा सरकार का 18 साल का हिसाब किताब करने को तैयार बैठी है, हिसाब दिवस भर तय होने का इंतजार है।’

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया पलटवार
कमलनाथ की इस टिप्पणी पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पलटवार किया है। सिंधिया ने कहा- ‘झूठ, प्रपंच और भ्रष्टाचार की पूरी पोथी लिखने वाले उल्टा हिसाब मांग रहे हैं। कहर तो तब था जब मुख्यमंत्री कार्यालय “वल्लभ भवन” को भ्रष्टाचार का अड्डा बनाया। कहर तो तब था जब किसानों के क़र्ज़ माफ़ी के नाम पर फर्जी ताम्रपत्र छापे। किसान भाइयों और को-ऑपरेटिव दोनों डिफ़ॉल्टर घोषित करवाए। कहर तो तब था जब आंगनबाड़ी बहनों के मोबाइल के नाम पर 63 करोड़ का घोटाला किया। लूट, फूट और झूठ वाली कांग्रेसी दुकान का हिसाब उपचुनाव में ही हो गया था, आने वाले समय में भी वही दृश्य जनता दोहराएगी।’
महल का कहर पर की टिप्पणी
बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर रियासत से महाराज हैं। सिंधिया ग्वालियर में जय विलास पैलेस में रहते हैं। सिंधिया के महल को ग्वालियर-चंबल की सियासत का गढ़ माना जाता है। सिंधिया जब कांग्रेस में तब भी महल की राजनीति पर कई बार हावी होने के आरोप लगे थे। महल के कहर पर जबाव देते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पलटवार किया है। बता दें कि राज्य में इसी साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं।