कभी पढ़ाई के दौरान खली थी किताबों की कमी, अब छात्रों की मदद के लिए दिव्यांग शिक्षक ने खोली लाइब्रेरी

रिपोर्ट : कैलाश कुमार

बोकारो. झारखंड के बोकारो जिले के चास के विवेकानंद पथ के पास एक लाइब्रेरी संचालित है. जहां छात्रों को मुफ्त में किताबें उपलब्ध कराई जाती हैं. इलाके के छात्रों के इसका लाभ भी मिल रहा है. इस लाइब्रेरी में पहली कक्षा से लेकर पीएचडी तक की किताबें उपलब्ध हैं. साथ ही सेल्फ हेल्प की भी पुस्तकें भी मौजूद हैं. इससे भी खास बात यह है कि इस लाइब्रेरी की शुरुआत एक दिव्यांग शिक्षक ने अपने खर्च पर की है. हालांकि अब यहां दूसरे लोग भी किताबें डोनेट कर रहे हैं.

दरअसल चास के विवेकानंद पथ के रहने वाले दिव्यांग ओम प्रकाश बच्चों के लिए नि:शुल्क लाइब्रेरी चलाते हैं. वह सरकारी स्कूल मध्य विद्यालय हरीला में हिंदी के शिक्षक हैं. अपने आसपास के बच्चों में शिक्षा के प्रति जागरूकता पैदा हो इसलिए उन्होंने अपने घर के पास एक कमरे में लाइब्रेरी की शुरुआत की. जहां छात्रों के लिए बैठकर पढ़ने के साथ-साथ किताबें घर ले जाने की सुविधा है. यह सेवा बिल्कुल नि:शुल्क है. जबकि इसका सबसे लाभ गरीब बच्चों को मिल रहा है.

खुद की परेशानी से लिया संकल्प
ओम प्रकाश ने न्यूज़ 18 लोकल को बताया कि बचपन से पढ़ाई में रुचि थी. पढ़ने के लिए किताबों की जरूरत पड़ती थी, लेकिन आसपास कोई लाइब्रेरी नहीं थी. बोकारो सेक्टर 4 में एक पुस्कालय है, लेकिन दिव्यांग होने की वजह से उतनी दूर जा नहीं पाता था. बाकी बच्चों को यह परेशानी ना हो इसलिए इस पुस्तकालय की शुरुआत की गई है. उन्होंने बताया कि फिलहाल यहां करीब 35 से 40 बच्चे रोजाना पढ़ने आते हैं.

किताब डोनेट करने की अपील
ओम प्रकाश ने कहा कि नगर निगम इलाके में एक बड़ा पुस्तकालय होना चाहिए. साथ ही सभी वार्डों में भी लाइब्रेरी की स्थापना होनी चाहिए. इससे जिले में पढ़ाई के माहौल को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि यदि आपके घर में किताबें धूल फांक रही हों, तो कृपया उसे किसी लाइब्रेरी में डोनेट कर दें. वह किसी जरूरतमंद छात्र के काम आ जाएंगी.

Tags: Bokaro news, Books, Jharkhand news

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