कबाड़ निखार रहा दून की सुंदरता, टायर और प्लास्टिक से निखर रही राजधानी

हिना आजमी/देहरादून. एक तरफ राजधानी देहरादून के लोग कूड़े कचरे से परेशान हैं तो वहीं प्लास्टिक का कबाड़ सुंदर बना रहा है. यहां टायर से लेकर प्लास्टिक बोतल तक कई तरह की चीजें वेस्ट मैटीरियल से बनाई गई हैं. स्मार्ट सिटी के साथ मिलकर भी संस्थाएं यह काम कर रही हैं.

प्लास्टिक बॉटल और पॉलिथीन का उपयोग कर कई तरह की इकोब्रिक्स से पार्क सजाने वाली संस्था इको ग्रुप सोसाइटी के अध्यक्ष आशीष गर्ग ने बताया कि प्लास्टिक वेस्ट का दुष्प्रभाव हमारे वातावरण पर देखने के लिए मिल रहा है.

जंगल, जमीन, नदियां, हिमालय और जीव जंतु इससे बहुत प्रभावित हो रहे हैं. सरकार के प्रयासों के बावजूद भी यह परेशानियां विकराल रूप धारण करती नजर आ रही है. इसलिए हमने प्लास्टिक वेस्ट को इस तरह से उपयोग करने की सोची जिससे यह वातावरण के लिए हानिकारक न बनकर उपयोगी बने. इसलिए उन्होंने इकोब्रिक्स बनाना शुरू किया. इसके अलावा प्लास्टिक की बोतलों से पार्कों को सजाया गया है.

कई तरह के स्ट्रक्चर में हो रहा इस्तेमाल

उन्होंने बताया कि हमारी संस्था स्कूल- कॉलेजों में जाती है जहां प्लास्टिक वेस्ट की अधिकता नजर आती है. वहां जाकर जागरूकता अभियान चलाते हैं. मल्टीलेयर प्लास्टिक को इकठ्ठा करते हैं और फिर इकोब्रिक्स बनाते है. उन्होंने बताया कि हमारे वॉलिंटियर इन प्लास्टिक का कलेक्शन करते हैं और इसके बाद हम इन्हें कई तरह की संरचनाओं यानी स्ट्रक्चर में इस्तेमाल करते हैं.

कबाड़ को बना रहे उपयोगी

उन्होंने बताया कि हमने इस तरह के स्ट्रक्चर गांधी पार्क, राज भवन, मसूरी राजपुर रोड और मियांवाला आदि जगहों में लगे हैं. इसके अलावा कई स्कूलों में भी इस तरह के स्ट्रक्चर बनाए गए हैं. उन्होंने बताया कि रोड्स के डिवाइडर्स में इन्हें बनाया गया है जो बहुत सुंदर नजर आते हैं. उन्होंने बताया कि सरकार के साथ मिलकर इस तरह से इस कबाड़ को उपयोगी बनाने की कोशिश की जा रही है.हमारा उद्देश्य यही है कि 60-70 सालों तक जब तक ये स्ट्रक्चर बने रहेंगे तब तक प्लास्टिक वेस्ट इनमें कैद रहेगा.

Tags: Dehradun news, Uttarakhand news

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