ऑक्सीजन सपोर्ट पर आखिरी सांसे गिन रहा है मासूम! 16 करोड़ का इंजेक्शन लगने के बाद ही बचेगी जान

शिखा श्रेया/रांची. वैसे तो इन दिनों किसी भी बीमारी में कई बार अच्छे खासे पैसे खर्च हो जाते हैं. लेकिन एक मिडिल क्लास फैमली को अगर यह कहा जाए कि उनके बच्चे को बचाने के लिए 16 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ेंगे तो ये उनके लिए किसी सदमे से कम नहीं होगा. यही सदमा झेल रहे हैं झारखंड की राजधानी रांची से सटे खूंटी के रहने वाले राहुल प्रसाद. दरअसल, राहुल के 6 माह के बेटे को एक दुर्लभ बीमारी हो गई है. जिसके लिए इन्हें 16 करोड़ के इंजेक्शन की जरूरत हैं.

पिता राहुल ने बताया उनके 6 माह के बेटे राजवीर को एक दुर्लभ बीमारी है. जिसका नाम स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी टाइप वन है. इस बीमारी में एक इंजेक्शन लगाया जाता है. यह इंजेक्शन सिर्फ अमेरिका में ही मिलता है. जिसकी कीमत 16 करोड रुपये है. इसके अलावा इसे भारत लाने में टैक्स आदि जोड़कर 22 करोड रुपये तक लग जाएंगे. जो हम जैसे प्राइवेट नौकरी करने वालों के लिए मंगवाना असंभव है.

पहले सर्दी खांसी हुई फिर डॉक्टर से दिखाया
राहुल ने कहा, ‘राजवीर के जन्म के 2 माह के बाद ही सर्दी खांसी हो गई थी. तो हमने रांची में अर्गोदा के एक अस्पताल में एडमिट कराया था. इसके बाद लगातार सर्दी खांसी होती रही.फिर हमने इसे रानी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल लेकर आए. यहां के डॉक्टरों ने जांच की और स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी टाइप 1 बीमारी की पुष्टि की. डॉक्टर ने कहा अगर राजवीर को बचाना है तो इन्हें 16 करोड़ का इंजेक्शन लगाना होगा. फिलहाल राजवीर को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है.

ऑक्सीजन सपोर्ट पर बच्चा
उन्होंने आगे बताया रानी चिल्ड्रन हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने जवाब दे दिया है. फिलहाल राजवीर ऑक्सीजन सपोर्ट पर है और ऑक्सीजन स्पोर्ट के साथ इसे हमें बाहर ले जाने की इजाजत मिल गई है’.साथ ही राहुल लोगों से गुहार लगाते हुए कहते हैं कि लोगों से अपील है कि इस दौरान हमारी कुछ मदद करें और हमारी केंद्र और राज्य सरकार से भी मांग है कि वह भी हमारी मदद करें.राहुल बताते हैं अगर यह इंजेक्शन मिल भी गई तो यह रांची में नहीं लग पायेगा.इसे लगाने के लिए हमें एम्स दिल्ली जाना पड़ेगा. यह इंजेक्शन सिर्फ एम्स दिल्ली में ही लगाया जाता है.

कैसे बचेगी जान?
वहीं रानी चिल्ड्रन हॉस्पिटल के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर राजेश ने बताया यह एक रेयर डिजीज है जो लाखों में एक को होता है.यह बीमारी अक्सर माता-पिता के द्वारा बच्चों में ट्रांसफर होता हैं व यह बीमारी किसी भी उम्र हो सकती है, चाहे बुढ़ापे में या दो माह के बच्चे को.साथ ही इस बीमारी के लिए अमेरिका से इंजेक्शन मंगवाना पड़ेगा.जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपए है और इंजेक्शन मिल भी जाए तो इसे दिल्ली के एम्स में ही लगवानी पड़ेगी.क्योंकि इसे लगाने का तरीका भी थोड़ा अलग होता है जो एम्स के डॉक्टर लगाते हैं.

Tags: Health, Local18

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