ऐसा प्रेम जिसे पाने के लिए नाखून से खोद दी एक ही रात में झील! जानें क्या है ‘रसिया बालम’ की कहानी

धीरज सांखला/सिरोही. अरावली की हसीन पहाड़ियों के बीच सिरोही जिले के माउंट आबू में आज भी करीब 5 हजार साल से अधिक पुरानी रसिया बालम और राजकुंवारी की अधूरी प्रेम कहानी यहां की वादियों में प्रचलित है. इनकी अधूरी प्रेम कहानी की एक मात्र निशानी नक्की झील है, जिसके पीछे यह मान्यता है कि वहा के दिलवाड़ा जैन मंदिर में काम करने वाले मूर्तिकार “रसिया बालम” को वहां की राजकुमारी से प्रेम हो गया था, राजकुमारी को पाने के लिए रसिया बालम ने एक ही रात में इसे अपने नाखूनों से खोद दिया था जो आज नक्की झील बन गई है.

नक्की झील माउंट आबू का एक सुंदर पर्यटन स्थल है यह मीठे पानी की झील है, जो राजस्थान की सबसे ऊंची झील हैं. टॉड रॉक व नन रॉक नक्की झील की मुख्य चट्टाने है. यहां सर्दियों में अक्सर जम जाती है. इस झील के पीछे एक बड़ी ही रोचक कहानी है जो स्थानीय लोगों में काफी प्रचलित है कि रसिया बालम ने अपने नाखूनों से खोदकर यह झील बनाई थी. इसीलिए इसे नक्की (नख या नाखून) नाम से जाना जाता है. इस झील से चारों ओर के पहाड़ियों का सुंदर दर्श्य मन मोहित करता है.

यहां पर मिलते हैं सुंदर नजारे

इस झील में अलग-अलग तरह की बोटिंग होती है जिसका भी आनंद लिया जा सकता है. नक्की झील के दक्षिण-पश्चिम में स्थित सनसेट प्वाइंट से डूबते हुए सूर्य के सुंदर दृश्य को देखा जाता है. यहां से दूर तक फैले हरे भरे मैदानों के दृश्य आंखों को शांति पहुंचाते हैं.

मॉनसून सीजन में आप अपने प्रियजनों के साथ इस झील की मन मोहक हवाओं का आनंद लेने आ सकते हैं. यह एकमात्र भारतीय कृत्रिम झील है जो समुद्र तल से 1200 किमी की ऊंचाई पर बनाई गई है. नक्की झील में कोई प्रवेश शुल्क नहीं है. झील सुबह 9:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक पर्यटकों के लिए खुली होती है.

सिकारा नाव का ले सकते हैं आनंद

माउंट आबू की यात्रा नक्की झील के बिना अधूरी है. जैसे ही आप झील में बोटिंग करते हैं, आप झील के आस-पास की पहाड़ियों, प्रकृति और चट्टानों के मनोरम दृश्यों का आनंद ले सकते हैं. यहां दो प्रकार की नौकाएं उपलब्ध हैं, पेडल नौकाएं और शिकारा जिनका ताजगी से भरा अनुभव तीस मिनट का होता है जिसमें आप पूरी नक्की झील का दौरा आनंद पूर्वक करते हैं. नक्की झील में 30 मिनिट की सवारी के लिए चार्ज प्रति व्यक्ति 50 से 100 रुपये के बीच है. इसके अलावा शिकारे की सवारी के लिए प्रति व्यक्ति 100 रूपए है जो की 30 मिनट की सवारी के लिए है.

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