एम्‍स की इमरजेंसी में हर 3 मिनट में आता है एक मरीज, नहीं मिल पाता बेड, अब की जा रही ये….

How can I get emergency appointment in AIIMS Delhi?: देश के सबसे बेहतर अस्‍पताल ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज दिल्‍ली में इलाज कराने के लिए मरीजों की लंबी लाइन लगी रहती है. इसकी वजह भी है कि यहां बेस्‍ट मेडिकल फेशिलिटीज और बेहतर डॉक्‍टरों के चलते गंभीग से गंभीर बीमारी का सबसे अच्‍छा इलाज मिलता है. यहां की ओपीडी ही नहीं बल्कि इमरजेंसी में भी बड़ी संख्‍या में रोगी पहुंचते हैं. हालांकि सबसे बड़ी समस्‍या अस्‍पताल में बेड की रहती है. एम्‍स में किसी भी समय बेड की किल्‍लत बनी रहती है, जिसकी वजह से बहुत सारे मरीज भर्ती नहीं हो पाते और इलाज के लिए अन्‍य अस्‍पतालों की तरफ भागते हैं.

एम्‍स प्रबंधन के एक अनुमान के मुताबिक एम्‍स की इमरजेंसी में ही रोजाना करीब 400 गंभीर मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं, इसके हिसाब से हर तीन मिनट पर एक मरीज भर्ती होने के लिए आता है. जबकि आईपीडी में भर्ती मरीजों में से करीब 250 मरीजों की ही रोजाना छुट्टी होती है. इस लिहाज से करीब 150 मरीजों को एम्‍स में इलाज के लिए जूझना पड़ता है.

अस्‍पताल करने जा रहा यह बड़ा काम
अस्‍पताल में बढ़ती मरीजों की संख्‍या और बेड मिलने में हो रही परेशानी हो देखते हुए अब एम्‍स प्रबंधन ने मेडिकल और सर्जिकल वयस्क इमरजेंसी सर्विसेज को व्‍यवस्थित करने का फैसला किया है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक, डॉ. एम श्रीनिवास की ओर से इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को हर कीमत पर इलाज देने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं.

डॉ. श्रीनिवास कहते हैं कि कुछ मरीजों को ओपीडी यानि बाह्य रोगी विभाग की ओर से भी भर्ती किया जाता है. ऐसे में आपातकालीन विभाग में बिस्तरों की कमी हो जाती है, जिसके कारण मरीजों के इंतजार का समय बढ़ जाता है. या फिर इन्‍हें आसपास के अन्य अस्पतालों में रेफर करना पड़ता है.

इन चीजों से निपटने के लिए एम्स नई दिल्ली में आपातकालीन सेवाओं को सही करने के लिए सभी मेडिकल ​​​​विभागों के बीच एक पहल शुरू की गई है. इसका उद्देश्य आपातकालीन रोगियों को उनकी चिकित्सा जरूरतों के आधार पर भर्ती करने या छुट्टी देने में तेजी लाना है. साथ ही यह तय करना है कि आने वाले रोगियों के लिए बिस्तर आसानी से उपलब्ध हों.

एम्‍स की ओर से बताया गया कि अस्‍पताल की इमरजेंसी वर्तमान में मुख्य आपातकाल के तीन क्षेत्रों का प्रबंधन करता है. बेड की व्‍यवस्‍था को लेकर कई विभागों के बीच में भी सहमति बन रही है. इससे मेन इमरजेंसी में मरीजों की तेजी से आवाजाही की सुविधा मिलेगी और ज्‍यादा रोगियों को इलाज मिल सकेगा.

इसके लिए कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. राकेश यादव को आपातकालीन सेवाओं के प्रभारी प्रोफेसर के रूप में नामित किया गया है. वह मुख्य इमरजेंसी विभाग के अंदर मरीजों के लिए वेटिंग टाइम को कम करने के लिए सभी के साथ मिलकर काम करेंगे. इसके अलावा डॉ. यादव मरीजों को रेफर करने के लिए अन्‍य अस्‍पतालों के साथ भी सहयोग करेंगे.

इस बारे में पीआईसी मीडिया सेल की डॉ. रीमा दादा का कहना है कि एम्‍स का यह फैसला हर मरीज को इलाज प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

Tags: Health, Lifestyle

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