दरअसल, जुलाई के महीने में एमपी के कुछ जिलों में अच्छी बारिश हुई है। साथ ही कुछ डैम लबालब हुए थे। मानसून की मेहरबानी के बाद कई डैम के गेट खोल दिए गए थे। उम्मीद थी कि अगस्त महीने में भी अच्छी बारिश होगी। वहीं, अगस्त महीने में मानसून रूठ गया है। इसके बाद से किसानों के सामने भयावह स्थिति है। फंसलें सूख रही हैं। पूरी निर्भरता मोटर पंप पर है। बिजली की खपत भी बढ़ गई है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आपत स्थिति को देखते हुए भोपाल में रविवार की शाम अधिकारियों और मंत्रियों के साथ इमरजेंसी मीटिंग की थी।
मीटिंग के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान महाकाल की शरण में पहुंच गए हैं। उन्होंने लोगों के साथ मंदिर में पूजा अर्चना की है। इसके साथ ही महाकाल का अभिषेक किया है। महाकाल से सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पूरे प्रदेश में अच्छी बारिश की कामना की है। सितंबर की शुरुआत में भी प्रदेश में बारिश नहीं हुई है। अगर बारिश नहीं होती है तो प्रदेश को भयंकर सूखा का सामना करना पड़ेगा।
महारूद्र अनुष्ठान किया
सीएम ने बारिश के लिए ब्राह्मणों के साथ महारूद्र अनुष्ठान किया है। सबसे पहले सीएम ने महाकालेश्वर भगवान का पंचामृत पूजन किया है। इसके बाद उत्तम जल वृष्टि की कामना के संकल्प के साथ महारूद्र अनुष्ठान किया है। यह पंडित घनश्याम शर्मा के साथ महाकालेश्वर मंदिर के पुजारियों और 66 ब्राह्मणों ने करवाया है। सारे अनुष्ठान बाबा महाकाल के सम्मुख नंदी मण्डपम में किया गया है। महारूद्र अनुष्ठान में 1331 रूद्र पाठ किए गए। मान्यता के अनुसार श्रावण भादौ मास में महारूद्र अनुष्ठान का अत्यधिक महत्व है।