नीरज कुमार/बेगूसराय. बिहार के सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य व्यवस्था और चिकित्सकों की लापरवाही के कारण सुर्खियां में रहता है. इन सब के बीच बिहार का एक ऐसा भी अस्पताल है जो राज्य का नंबर वन अस्पताल होने के साथ अब देश स्तर पर अपनी पहचान बनाने की ओर अग्रसर है. इसके लिए बकायदा स्वास्थ्य विभाग तैयारी कर रहा था. अब देश स्तर पर अपनी पहचान बनाने की तैयारी में जुट गया है. केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम इसी माह नेशनल एंश्योरेंश क्वालिटी सिस्टम यानि एनक्वासकी जांच करने पहुंच रही है. इस जांच के बाद मानक पर खरा उतरने के बाद बेगूसराय का सदर अस्पताल देश के टॉप टेन अस्पतालों में शामिल हो जाएगा.
बेगूसराय सदर अस्पताल के प्रशासी पदाधिकारी संजय सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा एक टीम भेजी जा रही है जो दो दिनों तक अस्पताल की ओटी, लेवर रूम, विभिन्न रोगी वार्ड, पैथोलैब, साफ-सफाई, ब्लड बैंक, पार्किंग सुविधा, कैंटीन सुविधा, फिजियोथैरेपी, एचआईवी जांच केंद्र सहित अन्य विभागों का 3200 सूचकांक पर जांच करेगी. जांच टीम के आने से पूर्व पटना से देश स्तर के दो विशेषज्ञ डॉ. जगजीत सिंह और डॉ. विकास पांडेय सदर अस्पताल पहुंचे हुए हैं. दोनों वरीय चिकित्सक केंद्रीय जांच टीम के आने से पूर्व तैयारी में कहीं कोई कमी ना रह जाए, इसको लेकर दो दिनों तक गहन मूल्यांकण में जूट गए हैं. निरीक्षण के दौरान जहां खामियां नजर आ रही है, तुरंत उसे दूर करने की सलाह देते हैं.
प्रथम स्थान आने पर मिलेगा एक करोड़ का पुरस्कार
सदर अस्पताल के निरीक्षण के क्रम में डॉ. विकास पांडेय ने बताया कि इस बार केंद्रीय टीम काफी सख्त तरीके से जांच करेगी, क्योंकि सदर अस्पताल पहले ही एक बार प्रथम स्थान पा चुका है. ऐसे में टीम देखेगी कि सदर अस्पताल में इन तीन साल में किस स्तर पर बदलाव आया है. बता दें कि एनक्वाससे प्रमाणित बिहार का एक मात्र अस्पताल बछवाड़ा पीएचसी है. देश स्तर पर सदर अस्पताल की टॉप टेन अस्पताल की ग्रेडिंग में आने पर केंद्र सरकार के स्वास्थ मंत्रालय द्वारा एक करोड़ रुपए का पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न दिया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : October 9, 2023, 15:50 IST