उन्नाव में लंपी वायरस से गोवंश बेहाल: आंकड़ेबाजी से खेल कर कोरम पूरा कर रहे जिम्मेदार

उन्नाव24 मिनट पहले

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प्रदेश में लम्पी वायरस के बढ़ते संक्रमण के बाद भी सीएम योगी के फरमान को उन्नाव का पशुपालन विभाग ठेंगे पर रखता है। यहां लम्पी वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के प्रयास और गोवंशों का वैक्सीनेशन करने में उन्नाव सीवीओ अनिल दत्तात्रेय पाण्डेय पलीता लगाने में जुटे हैं। ऐसा इसलिए सामने आया है क्योंकि सीवीओ जनपद की गोशालाओ में बंद गोवंशों को अब तक 30 हजार डोज वैक्सीन लगवा चुके हैं। लेकिन खेल की शुरुआत यहीं से होती है।

दरअसल जनपद उन्नाव की सभी 270 गोशालाओं में सिर्फ 18441 गोवंश बंद हैं। ऐसे में अब सवाल खड़ा होता है कि जब गोशाला में गोवंशों की संख्या ही 18441 है तो 30 हजार वैक्सीन किसे लगा दी गई है। एक ओर जहां गौसेवा करने का संकल्प लेने वाले सूबे के मुखिया योगी अदित्यनाथ लगातार गोवंशों को लम्पी वायरस से बचाने के निर्देश दे रहे हैं। वहीं यूपी की अफसरशाही में निकम्मे अफसरों की फौज सिर्फ आंकड़ों की जादूगरी और खोखली बयानबाजी करने में ही व्यस्त है।

नतीजा सड़कों पर लम्पी वायरस ग्रसित गोवंशीय पशु तड़पने को मजबूर हैं लेकिन अफसर दफ्तरों में बैठकर सिर्फ आंकड़े बाजी से खेल कर सब कुछ ठीक होने की बात कह रहे हैं। लेकिन आंकड़ों की बाजीगरी करते समय मुख्य पशु चिकित्साधिकारी अनिल दत्तात्रेय पाण्डेय यहीं पर फंस गए।

सीवीओ ने बताया कि गोशालाओं में बन्द गोवंशों को लम्पी वायरस से बचाने के लिए 30 हजार वैक्सीन लगाने की बात कर रहे हैं। दरअसल आंकड़ों की बात करें तो जनपद उन्नाव में कुल 270 गोशालाएं हैं। जिसमें लगभग 18 हजार 441 गोवंश बन्द हैं। अब ऐसे में सवाल ये है कि अगर गोशालाओं में सिर्फ 18 हजार 441 गोवंश बन्द हैं तो साहब 30 हजार वैक्सीन लगाने का दावा कैसे कर रहे हैं।

40 हजार वैक्सीन की और मांग

साहब यह भी कह रहे हैं कि अभी वैक्सीनेशन सिर्फ गोशाला में बंद गोवंशों का ही किया गया है, आवारा घूम रहे गोवंशों का वैक्सीनेशन अभी नहीं हो पाया है, उसके लिए 40 हज़ार वैक्सीन की डोज मंगवाई गई है। लम्पी वायरस के नाम पर झूठी आंकड़ेबाजी का खेल खेलने वाले ऐसे निकम्मे अफसरों की वजह से ना जाने कितने ही गोवंश अब तक अपनी जान गंवा चुके हैं। ऐसे में सवाल ये है कि जब जिलों में गोवंशों के लिए यमराज बनकर बैठे ऐसे अफ़सर मौजूद हैं तो गोवंशो की सुरक्षा का संकल्प लेने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सपना कैसे साकार होगा।

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