उत्तराखंड के इन 49 गांवों का वाइब्रेंट विलेज योजना से होगा विकास, युवाओं को मिलेगा रोजगार

हिना आज़मी/ देहरादून. केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश के तीन जिलों के सीमांत गांव में वाइब्रेंट विलेज योजना से राज्य के सीमावर्ती इलाकों को विकास से जोड़ने की पहल शुरू हो चुकी है. बताते चलें कि प्रदेश के उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ जनपद के 49 के गांवों को वाइब्रेंट विलेज बनाकर उनमें बिजली, पानी,सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और संचार जैसी मूलभूत सुविधाओं के विस्तार और आजीविका विकास पर जोर दिया जा रहा है. इसी के अंतर्गत अब वाइब्रेंट विलेज में हाट बाजार बनाए जाएंगे.
वाइब्रेंट विलेज की राज्य समन्वयक नितिका खंडेलवाल ने जानकारी देते हुए कहा कि पीएम मोदी की पहल पर गृह मंत्रालय ने राज्य के चमोली, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी के 49 वाइब्रेंट विलेज में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी सभी मूलभूत सुविधाओं के विकास करने की कवायद शुरू हो गई है जिससे पलायन रोकने में मदद मिलेगी.
उन्होंने बताया कि वाइब्रेट विलेज की प्रस्ताव को बैठक में भी रखा गया था. इसमें जल्द ही संशोधन किया जाना है इसके बाद इस रिपोर्ट को केंद्र सरकार को भेजा जाएगा जिसके मुताबिक आगे के काम होंगे.
उन्होंने बताया कि इन विलेज में पोल्ट्री फॉर्म, भेड़ पालन, मछली पालन, फूड प्रोसेसिंग सेंटर और वूलन हैंडीक्राफ्ट के साथ दुग्ध एकत्रीकरण केंद्र बनाने की योजनाएं होंगी. इसके अलावा उत्तराखंड के तीनों सीमांत जिलों के 49 गांवो में हॉट बाजार भी बनाए जाएंगे.
बताते चलें कि केंद्रीय पोषित योजनाओं के तहत मिले बजट से इन विलेज को सँवारा जाएगा जिसमें राज्य सरकार से 53 करोड़ और 586 करोड़ राज्य सरकार की ओर से इस योजना पर खर्च किया जाएगा.
इसके अंतर्गत इन तीन जिलों के वाइब्रेंट विलेज को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए यहां पर्यटन, कौशल विकास, सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर, ऊर्जा नवीकरण और रोजगार की संभावनाओं पर काम किया जाएगा.
मुख्य सचिव डॉक्टर एस एस संधू ने संबंधित आला अधिकारियों निर्देश दिए हैं कि इन गांव में पर्यटन बढ़ाने के लिए यहां टूरिस्ट गाइड तैयार किए जाएं जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिल सके. वहीं राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने के लिए संस्कृति कर्मियों को तैयार किया जाए और उन्हें प्रोत्साहन राशि भी दी जाए.
वही इन गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए एनएचएम के तहत स्वास्थ्य उपकेंद्रों के साथ ही कर्मियों के आवास भी बनाए जाएं जिनमें रोस्टर में कर्मचारी को ड्यूटी पर लगाया जा सकेगा.

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