इस साल बाजार में आएंगी 15 फीट तक गणेशजी की मूर्तियां, जानें और क्या है खास ?

मोहित राठौर/ उज्जैन : बाबा महाकाल की नगरी में इस वर्ष गणेश चतुर्थी का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा. इस दौरान कई वर्षों से चली आ रही परंपरा को निभाते हुए युवा बुजुर्ग और बच्चे चौक-चौराहों पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना करेंगे. गणेश चतुर्थी से शुरू होने वाले गणेश जी के 10 दोनों का त्योहार शुरू होने जा रहा है. जिसको लेकर मूर्ति बनाने वाले कलाकारों ने करीब 4 महीने पहले से ही मूर्तियों की तैयारी शुरू कर दी है. इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर करीब 15 फीट तक की भगवान गणेश की मूर्तियां बनाई जा रही है. साथ ही इसमें मां गंगा और चाक की मिट्टी का उपयोग भी मूर्ति बनाने में कलाकार कर रहे है. करीब 3 से 15 फीट की मूर्तियां उन्होंने करीब चार महीने पहले से ही बनना शुरू कर दी थी.

वहीं कलाकारों का कहना है कि इन मूर्तियों में विशेष प्रकार के प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जा रहा है. जिससे मूर्ति और भी आकर्षक दिखाई दे रही. इस वर्ष उज्जैन में 500 से अधिक स्थानों पर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित होगी. जिसमें अधिकतर पंडाल लगाने वाले श्रद्धालु उनसे विशेष मूर्ति बनाने का अनुरोध कर चुके हैं. कलाकारो का मानना है कि इस वर्ष हजारों मूर्तियों की खपत उज्जैन और आसपास के क्षेत्र में होगी. जिससे काफी मुनाफा व्यापारियों को और मूर्ति बनाने वाले कलाकारों को होगा. आसपास और दूर-दराज से लोग उनकी मूर्तियां देखने और उन्हें खरीदने उज्जैन पहुंच रहे हैं और उनकी इस आकर्षक कलाकारी की तारीफ भी की जा रही है.

3 से 15 फीट तक की तैयार होगी मूर्तियां
कलाकारों ने बताया कि इस बार भगवान गणेश की मूर्तियों को लेकर विशेष आकृति बनाई जा रही है. वहीं लोगों की डिमांड भी है कि इस बार मूर्तियां कुछ अलग और आकर्षक दिखे. इसके लिए कलाकारों द्वारा 3 फीट से लेकर 15 फीट तक की आकर्षक गणेश जी की मूर्तियां बनाई जा रही है, जो की पंडाल में समिति की शोभा बढ़ाएगी. कलाकार संदीप प्रजापति ने बताया कि अधिकतर कलाकारों ने चार माह पहले ही मूर्तियों के सांचे बनाकर उनसे मूर्तियां तैयार करना शुरू कर दी है. जिनमें विशेष तरह के प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाएगा जिससे मूर्ति और भी सुंदर दिखाई देगी.

मां गंगा की मिट्टी से तैयार होगी मूर्तियां
कलाकारों ने बताया कि इस बार मूर्तियों में नॉर्मल मिट्टी के अलावा मां गंगा एवं चाक मिट्टी का उपयोग मूर्तियां बनाने में करेंगे. जिसे हिंदू धर्म में शुभ माना जाता है,कहा जाता है कि चाक मिट्टी और गंगा की मिट्टी से घर में किए जाने वाले कोई भी शुभ कार्य की शुरुआत की जाती है. ऐसे में इस मिट्टी का उपयोग लाभकारी साबित होगा. जिसको लेकर इस मिट्टी का उपयोग कलाकार विशेष रूप से गणेश प्रतिमा बनाने में कर रहे हैं. वही कलाकारों का मानना है कि इन मिट्टियों के उपयोग करने से मूर्ति और भी आकर्षित और चिकनी दिखाई देगी और उस पर नई-नई कलाकृतियाँ आसानी से उकेरी जा सकती है.

500 से अधिक स्थानों पर स्थापित होगा पंडाल
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष उज्जैन में करीब 500 स्थान पर गणेश प्रतिमाओं का विराजमान होना लगभग तय है. वहीं प्रशासन द्वारा मांगे गए पंडालो की जानकारी में करीब 500 जगह से प्रशासन को मूर्ति स्थापना की जानकारी मिली है. इस आधार पर 500 के आसपास पंडाल पूरे उज्जैन में बनेंगे और वहां आकर्षक भगवान गणेश की मूर्तियां विराजित होगी.वही पंडाल में इस बार विशेष आयोजन होने की भी पंडाल समिति के सदस्य बता रहे हैं.

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