रवि सिंह/ विदिशा: मध्य प्रदेश के विदिशा में प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर के नाम से दुर्गा नगर बसा है. दुर्गानगर स्थित प्राचीन ज्वालादेवी मंदिर में अखंड ज्योति जलती है. मंदिर में भक्त अखंड ज्योति जलवाने आते हैं. 10 हजार वाली आबादी में मां दुर्गा के नाम से ही यह दुर्गा नगर कहलाया था, साल 1957 में महंत पंडित दयाल चतुर्वेदी ने मंदिर में ज्वाला देवी की प्रतिमा की स्थापना की थी. इसके बाद लगातार यहां अखंड ज्योति जल रही है.
आस्था का केंद्र है यह मंदिर
माता के सामने ज्योत जलवाने के लिए देश नहीं विदेश से भी आते हैं लोग. वही महंत पं.रामेश्वर दयाल चतुर्वेदी बताते है यहां पहली ज्योति मंदिर के संस्थापक पं. प्रभुदयाल चतुर्वेदी ने 50 साल पहले जलवाई थी. यह घी की ज्योति अभी भी जल रही है. विदिशा में रहे लोनिवि के पूर्व ईई नरेंद्र मंडलोई की ज्योति 40 साल से जल रही है. अमेरिका में बसे मुकेश सिंह की ज्योत भी कई सालों से जल रही है. मुंबई के रामकुमार सेन, दिल्ली के राधेश्याम शर्मा, रायपुर के नरेंद्र पुरोहित के नाम की ज्योति इस मंदिर में जल रही है.
सीएम शिवराज के नाम से जल रही ज्योत
सीएम शिवराज सिंह के नाम से 25 सालों से जल रही है ज्योत महंत पं.रामेश्वर दयाल चतुर्वेदी बताते हैं कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम से भी 25 सालों से यहां ज्योति जल रही है और इसका खर्च भी सीएम शिवराज ही देते हैं वह ऑनलाइन पेमेंट कर इसका खर्च देते हैं, वही साधना सिंह चौहान भी इस मंदिर में दर्शन करने आती हैं.
सपने में आई थी मां
दुर्गा नगर बसाने से पहले यह जगह हाजी वली तालाब के नाम से प्रसिद्ध थी, साल 1957 में मां दुर्गा ने प्रभु दयाल चतुर्वेदी को सपने में कहा कि इस मंदिर में मां दुर्गे की प्राण प्रतिष्ठा करवाओ और यहां पर एक मंदिर बनवाओ, इसके बाद पंडित प्रभु दयाल ने मंदिर बनवाया. उन्होंने चांदी का सिक्का भेंट किया जो प्राण-प्रतिष्ठा के समय जमीन में रखा जाता है.
ज्योत देखने के लिए लगती है ड्यूटी
दुर्गा मंदिर के महंत रामेश्वरदयाल चतुर्वेदी बताते हैं कि यहां विगत कई सालों से जोत जल रही है और जोत की देखभाल के लिए यहां पंडितों की ड्यूटी लगी है. जो ज्योत का ध्यान रखते हैं और समय-समय पर उसमें घी और तेल डालते रहते हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 07, 2023, 21:49 IST