नितिन आंतिल/सोनीपत.खेती को घाटे का सौदा कहा जाता है.लेकिन आज किसान परंपरागत खेती छोड़कर आधुनिक खेती अपनाकर मोटी कमाई कर रहे हैं.सोनीपत के गांव बैयापुर के रहने वाले राजेश अन्य किसानों के लिए मिसाल बन गए हैं. 10 साल पहले राजेश ने अपनी परंपरागत खेती छोड़कर गुलाब के फूलों की खेती शुरू की थी.इसके बाद राज्य सब अपनी परंपरागत खेती बिलकुल छोड़ चुके हैं और गुलाब के फूलों की ही खेती कर रहे हैं. गुलाब के फूलों के साथ उन्होंने गेंदे के फूलों की खेती भी शुरू की है.जिससे वह लाखों रुपये मुनाफा कमा रहे हैं.
किसान राजेश का कहना है कि शुरुआत में उन्हें परेशानी जरूर आई थी, लेकिन आप वह फूलों की खेती से रोजाना कमाई कर रहे हैं.जिसके चलते उन्हें लाखों में मुनाफा हो रहा है.अन्य किस भी अब उनके प्रेरणा लेकर फूलों की खेती की तरफ आ रहे हैं. राजेश का कहना है कि अगर हम अपनी परंपरागत खेती छोड़कर अन्य खेती पर ध्यान दें तो खेती घाटे का नहीं बल्कि मुनाफे का सौदा है.किसान का कहना है कि 10 साल पहले वह मंडी में गया था.उससे पहले गेहूं और धान की खेती ही करता था.उसे वहां पर एक व्यापारी मिला जिसने उसे फूलों के बारे में जानकारी दी थी. वहीं से प्रेरणा लेकर उसने फूलों की खेती शुरू की थी.शुरुआत में अन्य किसानों ने उसका मजाक बनाया था, लेकिन उसके बाद गुलाब के फूलों की खेती से उसे मुनाफा आना शुरू हो गया. अब पिछले 2 साल से वह गुलाब के फूलों के साथ गेंदे के फूलों की खेती कर रहा है. जिससे वह रोजाना पैसे कमा रहा है.
प्रति एकड़ 3 से 4 लाख रुपये मुनाफा
राजेश का कहना है कि प्रति एकड़ उसे तीन से चार लाख रुपए का मुनाफा हो रहा है और सभी किसानों से वह अपील करता है कि अपनी परंपरागत खेती छोड़कर अगर-अलग खेती अपनाई जाए तो खेती घटेगा नहीं बल्कि मुनाफे का सौदा है.वहीं राजेश का कहना है कि अब आसपास के किसान भी सीखने आ रहे हैं, क्योंकि अब वह गुलाब के फूल के लिए कहीं और नहीं बल्कि अपने खेत में ही कली बना तैयार करता है और गेंदे के फूल के लिए भी भी अपने खेत से बनाता है.
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FIRST PUBLISHED : October 9, 2023, 17:48 IST