इस आश्रम को माना जाता ऋषि धौम्य की तपोस्थली, द्वापरयुग से जुड़ा है इतिहास

शिवहरि दीक्षित/ हरदोई. यूपी के हरदोई में जंगलों के बीच एक आश्रम मौजूद है. कहा जाता है यहां पर द्वापरयुग में ऋषि धौम्य ने तपस्या की थी. साथ ही इस स्थान पर महाभारत के बाद अज्ञातवास के दौरान पांडव भी आकर रुके थे. इस जंगल के बीच एक प्राकृतिक जलस्रोत भी है. जिसे अर्जुन के बाण से उत्पन्न माना जाता है.

खुदाई में निकला था 12 फीट का कंकाल

हरदोई से लगभग 40 किलोमीटर के दूरी पर स्थित जंगल के बीच बने आश्रम को धौम्य ऋषि की तपस्थली माना जाता है. धौम्य ऋषि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के कुलगुरु थे. सैकड़ों वर्ष पहले इस जंगल में पहुंचे एक साधु के द्वारा हजारों वर्ष पुराने पीपल के पेड़ के नीचे जब खुदाई की गई तो वहां पर लगभग 12 फीट लंबाई का एक नरकंकाल मिला. जिसे यहां के साधु संतों के द्वारा धौम्य ऋषि का नरकंकाल समझ उसी स्थान पर समाधि बना दी गई और उस समाधि की पूरे क्षेत्र में सिद्ध बाबा के नाम से प्रसिद्धि हो गई. जिस जगह पर यह प्राचीन आश्रम है. उस गांव का नाम धोबिया है और इसी लिए इस आश्रम को तपोवन धोबिया आश्रम के नाम से भी जाना जाता है.

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अज्ञातवास में रुके थे पांडव

हरदोई के धोबिया आश्रम के विषय मे जानकारी देने वाले यहां के महंत स्वामी नारायणा नंद बताते हैं कि जब महाभारत समाप्त हुआ था तो उसके बाद पांडवों को श्रीकृष्ण के द्वारा अज्ञातवास का मार्ग दिखाया गया था जो वह धोबिया के जंगलों अपना अज्ञातवास पूरा करने के लिए आकर रुके थे.

यहां एक प्राकृतिक जल स्रोत भी है और ऐसा माना जाता है जब पांडवों को प्यास लगी तो अर्जुन ने धरती पर बाण चलाया जिससे धरती के अंदर से स्वतः ही प्राकृतिक रूप से जलस्रोत फुट पड़ा जिससे उन्होंने अपनी प्यास बुझाई. आज भी इस आश्रम के जंगल मे यह प्राकृतिक श्रोत स्थित है. जहां से प्राचीन समय से ही निरंतर पानी निकलता आ रहा है.

होते रहते हैं धार्मिक आयोजन

हरदोई के धोबिया आश्रम जिसे नेपाली बाबा के द्वारा सैकड़ों वर्षों पहले बनाया गया था. वहीं उन्हें खुदाई के दौरान एक 12 फ़ीट का नरकंकाल भी मिला था. जिसे धौम्य ऋषि के नरकंकाल मान कर उसी स्थान पर दफन कर समाधि स्थल बना दिया गया जिन्हें सिद्ध बाबा के नाम से जाना जाता है. साथ ही नेपाली बाबा के निधन के बाद उनकी भी उसी स्थान पर समाधि बनी हुई है. यहां दूर दराज से भक्त दर्शन करने आते हैं. इस प्राकृतिक धार्मिक स्थान पर वर्ष भर धार्मिक आयोजन जैसे भागवत कथा श्री रामचरित मानस पाठ भजन आदि आयोजन होते रहते हैं.

ऐसे पहुंचे इस आश्रम में

यहां पहुंचने के लिए आप हरदोई से रोडवेज बस जो कि कुछ एक ही चलती हैं या फिर प्राइवेट बस से पिहानी कस्बे तक पहुंचेंगे. जहां से महोली सीतापुर के लिए मिलने वाले प्राइवेट वाहन या फिर ई रिक्शा से इस स्थान पर पहुंच सकते हैं. आप अपने निजी वाहन से भी इस स्थान पर पहुंच कर इस प्राकृतिक स्थान का आनंद ले सकते हैं.

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