संगीत की दुनिया के सरताज ए आर रहमान वो शख्सियत हैं जिन्होंने इंडियन म्यूजिक को कई सम्मान दिलाए हैं. अपने दिल को छू लेने वाले म्यूजिक और शानदार कम्पोजिशंस के जरिए ए आर रहमान न सिर्फ देश बल्कि विदेशियों के दिलों पर भी राज करते हैं. ए आर रहमान ऐसे कई सम्मान जीत चुके हैं, जो उनसे पहले किसी भारतीय को नहीं मिले. ऑस्कर की रेस जीतने से लेकर ग्रैमी और गोल्डन ग्लोब भी ऐसे ही अवॉर्ड्स में शामिल हैं. जिनकी ट्रॉफी सबसे पहले ए आर रहमान ही भारत लेकर आए. इंडियन म्यूजिक इंडस्ट्री के माइस्ट्रो और संगीत की दुनिया के सबसे सफल कंपोजर में ए आर रहमान का नाम सबसे ऊपर आता है.
स्लमडॉग मिलेनियर के लिए मिला गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड
ए आर रहमान ने संगीत की दुनिया में ये इतिहास साल 2009 में रचा. प्रतिष्ठित गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड जीतने वो पहले भारतीय बने. ये अवॉर्ड उन्हें स्लमडॉग मिलेनियर के लिए बेस्ट ओरिजिनल म्यूजिक स्कोर रचने के लिए दिया गया. इस फिल्म का एक सॉन्ग ‘जय हो’ इंडिया में जितना पसंद किया गया उतना ही हिट विदेशों में भी हुआ. जिसके बाद इंडियन म्यूजिक की तो जय जयकार हुई ही. ए आर रहमान के नाम का डंका भी हर देसी विदेशी प्रतिष्ठित अवॉर्ड समारोह में बजा. गुलजार साहब की कलम से निकले जय हो को गोल्डन ग्लोब ने बेस्ट ओरिजनल म्यूजिक स्कोर का सम्मान दिया. ग्लोडन ग्लोब के बाद इसके लिए ए आर रहमान को ऑस्कर से भी नवाजा गया.
पहली फिल्म से ही चला जादू
एआर रहमान इंडियन फिल्म इंडस्ट्री के उन चुनिंदा फनकारों में से एक हैं जिनके संगीत का जादू पहली ही फिल्म से चल गया. 1992 में उन्होंने डायरेक्टर मणिरत्नम की फिल्म रोजा में पहली बार म्यूजिक दिया. फिल्म बड़ी म्यूजिकल हिट रही. हर गाना लोगों की जुबान पर चढ़ा और ए आर रहमान का नाम भी. इस फिल्म के म्यूजिक के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला. उसके बाद से शुरू हुआ अवॉर्ड का सिलसिला अब तक जारी है. साउथ के सिनेमा के अलावा वो बॉलीवुड तहजीब, दिलसे, रंगीला, ताल, पुकार, मंगल पांडे, स्वदेश, रंग दे बसंती, जोधा अकबर जैसी फिल्मों के लिए म्यूजिक कंपोज कर चुके हैं. ये कहना बिलकुल गलत नहीं होगा कि ये फिल्में बॉक्स ऑफिस पर जितनी सफल रहीं, इनका म्यूजिक भी उतना ही कामयाब रहा.