इटावा नगरपालिका की दुकानें आवंटन का मामला: 44 दुकानें आवंटन को लेकर तत्कालीन पालिका प्रशासकों और बाबू पर नियम विरुद्ध आवंटन के लगे आरोप, 7 में आयेगी जांच रिपोर्ट

इटावा33 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

इटावा नगर पालिका की 44 दुकानें बनने पर तत्कालीन पालिका प्रशासक अधिकारियों और पालिका के तत्कालीन बाबू पर नियम विरुद्ध दुकानें आवंटित किए जाने के आरोप लग रहे है। डीएम की ओर से इस मामले पर जांच करवाई जा रही है। एसडीएम सदर पूरे मामले की जांच में जुट गए हैं। पालिका अध्यक्ष और भाजपा नेता ने दुकानें आवंटन को लेकर डीएम से शिकायत की थी। मीडिया में मामला आने पर इस पूरे प्रकरण की जांच पड़ताल में तेजी लाई गई है। आवंटित दुकानों पर लगातार निर्माण जारी है। लेकिन नए एग्रीमेंट पर रोक लगाई जा चुकी है।

गौरतलब है कि पालिका और प्रशासन के सह और मात का खेल जिला अस्पताल के सामने निर्माणधीन 44 दुकानों को लेकर चल रहा है। खाली पड़ी भूमि पर निर्माण में हाल में तेजी इसलिए पकड़ी क्योंकि वर्तमान पालिका बोर्ड के गठन से पूर्व प्रशासक की मौजूदगी में नोडल अधिकारी स्थानीय निकाय एडीएम, प्रशासक एसडीएम व ईओ नगर पालिका ने तेजी दिखाते हुए 44 दुकानों का आवंटन कर दिया था।

इस दौरान कुछ लोगों के एग्रीमेंट में भी तेजी दिखायी गयीं। जबकि नये बोर्ड के गठन के बाद राजस्व विभाग के पटल प्रभारी का तबादला हो गया और दुकानों के एग्रीमेंट के नाम पर सुविधा शुल्क की मांग की जानें के आरोप लगे हैं। जिसके बाद इस पर विवाद शुरू हो गया। कारण यह भी था कि सुविधा शुल्क न देने वाले लोगों को एग्रीमेंट निरस्त करने की चेतावनी दी जा रहीं थी। और तो और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी विवाद से बचने के लिए तहसील से होने वाले एग्रीमेंट पर रोक लगा दी गई है।

इटावा पालिका और प्रशासन के बीच चल रहा खेल किसी से छिपा नहीं हैं। राजनैतिक रार के बाद अब प्रशासनिक रार से पालिका को खामियाजा भुगतान पड़ रहा हैं। प्रशासक के रहते हुए कार्यों की जांच को लेकर शासन से शिकायत हो चुकी है।

पिछले व नये कामों को लेकर भी बंदरबांट जारी
वहीं लोकल स्तर पर पिछले व नये कामों को लेकर भी बंदरबांट जारी हैं। यहीं कारण हैं कि 18 साल तक जिन दुकानों पर पालिका प्रीमियम और किराया बसूल रहीं थी, वहीं नई दुकानों के एग्रीमेंट में सुविधा शुल्क की मांग नें मामले में भूचाल ला दिया। अब अधिकारी विवाद में नहीं पड़ना चाहते इसलिए जांच और नए एग्रीमेंट रोकने की बात सामने आई है।

दुकानें आवंटित में भी झोल
नगर पालिका की दुकानों के आवंटन को लेकर कुछ सभासदों और कर्मचारियों को भी आपत्ति है। दरअसल जो दुकानें आवंटित हुई है उनमें से अधिकांश वर्तमान और पूर्व सभासदों और उनके रिश्तेदारों के साथ ही नगर पालिका के कर्मचारियों की हैं। ऐसे में वर्तमान वांछित सभासदों और कर्मचारियों की आपत्ति है कि उन्हें दुकानों का आवंटन नहीं किया गया। इससे पहले भाजपा नेता धर्मेंद्र दुबे नें भी इसको लेकर भी शिकायत की थी। और तो और पालिका बोर्ड की आगामी बैठक में इसको लेकर कुछ सभासद जो इन दुकानों के मालिक हैं वह हंगामा करने की भी तैयारी कर रहे हैं। पालिका अध्यक्ष ज्योति गुप्ता नें इसको लेकर डीएम से पूर्व में शिकायत की हैं। वहीं मामले में अब एडीएम की ओर से जांच आदेश भी जारी किया जा चुका जिसकी रिपोर्ट एक सप्ताह में देने की बात कही गई है।

एसडीएम को जांच सौंपी गई
एडीएम अभिनवरंजन श्रीवास्तव ने इस पूरे मामले में जानकारी देते हुए बताया है कि इस प्रकरण की मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है। इसको लेकर एसडीएम को जांच सौंप दी गई है। सात दिवस में जांच कर मामले का पता चल सकेगा। फिलहाल नए एग्रीमेंट को लेकर रोक लगा दी गई है। निर्माण पर कोई रोक नही लगाई गई है।

पालिका अधिशासी अधिकारी विनय कुमार मणि त्रिपाठी का कहना है कि पूर्व एडीएम व प्रशासक रामविलास यादव द्वारा एनओसी के बाद ही दुकानों का आवंटन किया गया था और पालिका ने इसका निर्माण करने के लिए प्राधिकरण से नक्शा भी पास कराया था। फिलहाल मामलें डीएम की ओर से जांच के आदेश दिए गए हैं।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *