गृहमंत्री ने दिए थे निर्देश
बता दें कि शासकीय नवीन लॉ कॉलेज के विवादित किताब “सामूहिक हिंसा एवं दण्डिक न्याय पद्धति” की लेखिका डॉ. फरहत खान की विवादित किताब के मामले में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। वहीं, भंवरकुआं पुलिस ने लेखिका डॉ. फरहत खान, प्रिंसिपल इनामुर्र रहमान, प्रोफेसर डॉ. मिर्जा मोजिज और अमर लॉ पब्लिकेशन के प्रकाशक के खिलाफ केस दर्ज किया था।
किताब में क्या है?
दरअसल, इस किताब में कई विवादित बातें लिखी हुई हैं। ये लिखा है किताब में किताब में लिखा है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, बर्मा में संप्रदायिकता का संघर्ष नहीं है। शासन तो वहां भी सैकड़ों वर्ष अंग्रेजों का रहा था और अमेरिका का हस्तक्षेप आज भी इनकी सत्ता पर रहता है। किताब में लिखा है आज सारे हिन्दू संगठन एक स्वर से मुसलमानों की कश्मीर में धारा 370 लगाकर विशेष सुविधाएं देने का विरोध यह कहकर करते हैं कि कश्मीर में उग्रवाद धारा 370 के कारण ही पनप रहा है। यदि इनसे पूछा जाए कि पंजाब में उग्रवाद क्यों है, बिहार, उत्तप्रदेश, असम में जहां हिन्दू उग्रवाद है वहां भी धारा 370 नहीं लगी है।
जांच कमेटी पर उठाए सवाल
ABVP के छात्रों ने सोमवार को कॉलेज में जमकर हंगामा किया था। छात्रों का कहना है कि ऐसी क्या मजबूरी थी कि संडे के दिन गुपचुप तरीके से सभी के बयान लिए गए। इसके साथ ही छात्रों ने आरोप लगाया था कि प्रिंसिपल के कमरे का ताला तोड़कर सबूत मिटाए गए हैं। इस प्रकार से कमेटी के लोग जांच को बाधित कर रहे है तो नई जांच कमेटी बनानी चाहिए। मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एक नई जांच कमेटी बनाई जानी चाहिए।