आर्थर रोड जेल में मिली चरस, जहां मिला बैग उससे चंद कदमों की दूरी पर बंद यह कैदी

मुंबई: आर्थर रोड जेल में चरस और नशीले कैप्सूल मिले हैं। सूत्रों की मानें तो क्रिसमस और नए साल की पार्टी करने के मकसद से यह अंदर पहुंचाई गई थी। हालांकि पुलिस का इस बारे में कहना है कि इसे बाहर से फेंका गया है। जेल के अंदर जांच व्यवस्था पूरी तरह चौकस है। मुख्य मार्ग से इसे अंदर लाना नामुमकिन है।

जानकारी के मुताबिक जेल में तैनात सिपाही अजय धूरी को यहां बैरक नंबर 11 के पास एक पॉलिथिन बैग पड़ा मिला। जांच में उसमें 134 ग्राम चरस और आधा दर्जन से अधिक सफेद रंग की गोलियां बरामद हुई। यह बैग बैरक नंबर 11 के पास पड़ा मिला है। जहां बेहद हाईप्रोफाइल कैदी बंद है। इसी के पास बैरक नंबर 12 खास तौर पर आतंकियों के लिए बनाई गई है। मुंबई हमले में बंद अजमल कसाब को भी यहां रखा गया था। जेल के अंदर चरस मिलने से जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े होते हैं। जेल प्रशासन के मुताबिक यह बैग 30 नवंबर की सुबह करीब 4.30 बजे मिला है। सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है। बरामद पदार्थ की जांच चल रही है।

आर्थर रोड के बारे में जानें
जानकारी के मुताबिक वर्ष 1926 में आर्थन रोड जेल बनी थी। ब्रिटिश काल में मुंबई के तत्कालीन गवर्नर सर जॉर्ज आर्थर के नाम पर इसका नामकरण किया गया था। 1994 में इसे केंद्रीय जेल बनाया गया। यह जेल कुल करीब 6 एकड़ में फैली हुई है। इसमें तकरीबन 20 बैरक हैं। यहां कैदियों की क्षमता 804 है। लेकिन अक्सर यहां क्षमता से अधिक कैदी रहते हैं। बैरक नंबर 11 और 12 जिसके पास बैग मिला वह यहां की सबसे संवेदनशील बैरक हैं। यहां हाईप्रोफाइल कैदी रखे जाते हैं। बैरक नंबर 12 को 2008 में मुंबई हमले के दोषी अजमल कसाब को रखने के लिए तैयार किया गया था। यहां से सेल से सीधे कोर्ट जाने के लिए सुरंग है। इस पर किसी बम धमाके का असर भी नहीं होता है। यहां जबिउद्दीन अंसारी को भी रखा गया था। वह भी साल 2008 के मुंबई आतंकी हमलों में शामिल था।



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