Know Your Army: 1971 के भारत-पाक युद्ध पर बनी फिल्म बार्डर के दो सीन हैं. पहले सीन में मेजर कुलदीप सिंह की भूमिका निभा रहे सनी देओल अपने जवानों से कहते हैं कि जवानों, दुश्मन सामने खड़ा है, हम 120 हैं और वह पूरे टैंक रेजीमेंट के साथ है. मूवी के इस सीन से चंद मिनटों बाद एक दूसरा सीन है. जिसमें पाकिस्तानी सेना का एक अधिकारी कहता है- लगता है हमारी इंफार्मेशन गलत साबित हुई. यहां 120 आदमियों की कंपनी नहीं, बल्कि 600 आदमियों की पूरी बटालियन है.
इन दोनों सीन में 120 जवान, टैंक रेजीमेंट, कंपनी, बटालियन की बात हो रही है. क्या आपको पता है कि सेना में सेक्शन, कंपनी, बटालियन क्या होता है? एक सेक्शन, कंपनी या बटालियन में कितने जवान होते हैं और उनका नेतृत्व कौन करता है? यदि आपको यह नहीं पता, तो कोई बात नहीं, चलिए आज हम आपको बताते हैं भारतीय सेना का पूरा स्ट्रक्चर और कमांडिंग ऑफिसर.
सेक्शन और प्लाटून
भारतीय सेना का सबसे पहला पायदान है सेक्शन. प्रत्येक सेक्शन में दस जवान होते हैं और इसकी कमान सेक्शन कमांडर के पास होती है और सेक्शन कमांडर, हवलदार रैंक का एक अधिकारी होता है. सेक्शन के बाद अग ला पायदान है प्लाटून. करीब 3 सेक्शन मिलकर एक प्लाटून बताने हैं. प्लाटून की कमान प्लाटून कमांडर के पास होती है. प्लाटून कमांडर, कैप्टन, लेफ्टिनेंट या जेसीओ रैंक का अधिकारी होता है.
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कंपनी और बटालियन
प्लाटून के बाद अगले पायदान पर आती है कंपनी. कंपनी को यूनिट के अनुसार, स्क्वाड्रन या बैटरी के नाम से भी जाता जाता है. कंपनी में करीब 3 प्लाटून होती हैं और इसका नेतृत्व मेजर या लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के एक अधिकारी के हाथ में होता है. कंपनी के बाद अगले पायदान पर आती है बटालियन. प्रत्येक बटालियन में 4 कंपनियां शामिल होती हैं. बटालियन का नेतृत्व कर्नल रैंक के अधिकारी के हाथ में होता है. कुछ परिस्थितियों में बटालियन को रेजिमेंट के रूप में भी जाना जाता है.
ब्रिगेड और डिवीजन
बटालियन के बाद बारी आती है ब्रिगेड की. प्रत्येक ब्रिगेड में 3 बटालियन होती हैं, जिसका नेतृत्व ब्रिगेडियर रैंक के एक अधिकारी के पास होता है. इसके बाद, अगले पायदान पर है डिवीजन. 3 से 4 ब्रिगेड मिलकर एक डिवीजन बताती हैं. फिलहाल भारतीय सेना में करीब 40 डिवीजन हैं. डिवीजन की कमान डिवीजन कमांडर के पास होती है, जो मेजर जनरल रैंक का एक अधिकारी होता है.
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कोर और एरिया हेडक्वॉर्टर
डिवीजन के बाद नंबर आता है कोर का. कोर की कमान लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के एक अधिकारी के पास होती है. प्रत्येक कोर के अंडर 3 से 4 डिवीजन काम करते हैं. मौजूदा समय की बात करें तो भारतीय सेना में फिलहाल 14 कोर हैं.
भारतीय सेना में कोर के समकक्ष ही एक और यूनिट होती है, जिसे एरिया हेडक्वॉर्टर कहा जाता है. कोर की तरह एरिया हेडक्वार्टर का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारी के पास होता है. वर्तमान समय में भारतीय सेना में छह एरिया हेडक्वॉटर हैं. इनमें दिल्ली, दक्षिण, मध्य, उत्तर, 101 और एमजी एण्ड जी यानी महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा शामिल हैं.
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कमांड और आर्मी हेडक्वॉर्टर
भारतीय सेना के स्ट्रक्चर में अगला पायदान पर कमांड हैं. भारतीय सेना को कुछ सात कमांड में बांटा गया है, जिसमें छह ऑपरेशन कमांड और एक प्रशिक्षण कमांड है. छह ऑपरेशनल कमांड में पहला- नार्थ, दूसरा- साउथ, तीसरा- ईस्ट, चौथा-वेस्ट, पांचवां- सेंट्रल और छठवां- साउथ-वेस्ट ऑपरेशन कमांड है. प्रत्येक कमांड का नेतृत्व लेफ्टिनेंट-जनरल रैंक के अधिकारी के पास होता है, जिन्हें जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ कहा जाता है. सभी जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ सीधे तौर पर आर्मी हेडक्वार्टर को रिपोर्ट करते हैं और आर्मी हेडक्वार्टर की कमान सीधे तौर पर आर्मी चीफ के पास होती है.
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FIRST PUBLISHED : September 05, 2023, 21:06 IST