आजमगढ़29 मिनट पहले
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आजमगढ़ महोत्सव के दूसरे दिन बोंधू अहीर की प्रस्तुति देते वरिष्ठ रंगकर्मी अभिषेक पंडित।
आजमगढ़ महोत्सव के दूसरे दिन जिले के हरिऔध कला भवन में सूत्रधार संस्था ने नाटक बोंधू अहीर पर शानदार प्रस्तुति दी। राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित अभिषेक पण्डित के परिकल्पना निर्देशन में शोध प्रताप योगेंद्र (आईपीएस) नाट्य लेख शेष पाल सिंह शेष सत्य घटना पर आधारित आज़मगढ़ स्वतंत्रता के अकीर्तिक नायक की सच्ची घटना पर आधारित नाटक बोंधू अहीर का नाट्य प्रस्तुति बोंधू अहीर की भूमिका में हरिकेश मौर्या नट पात्र शशि कांत नटी पात्र ममता पंडित संगीत नीरज कुशवाहा ने दिया। इस शानदार कार्यक्रम की प्रस्तुति देखने जिले के डीएम विशाल भारद्वाज, एडीएम वित्त आजाद भगत सिंह सहित बड़ी संख्या में आला अधिकारी जुटे रहे।

आजमगढ़ महोत्सव के दूसरे दिन बोंधू अहीर की प्रस्तुति देते वरिष्ठ रंगकर्मी अभिषेक पंडित ने कहा देशभक्ति पर नाटक प्रस्तुत करना हम सबकी जिम्मेदारी।
इतिहास में गुमनाम हो गए थे बोंधू अहीर
दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए वरिष्ठ रंगकर्मी अभिषेक पंडित का कहना है कि 18 सितंबर आजमगढ़ का स्थापना दिवस है। यही कारण है कि इसी दिन से यह महोत्सव शुरू हुआ है। तीन जून 1857 को बोंधू अहीर ने आजमगढ़ में स्वतंत्रता संग्राम के लिए विद्रोह किया था। पांच लाख 80 जार का खजाना लूट कर नाना जी पेशवा और तांत्या टोपे केा दिया था। इतिहास में यह एक गुमनाम योद्धा थे। जिसे आईपीएस प्रताप गोपेन्द्र ने कई वर्ष के शोध के बाद खोज निकाला। ऐसे में हम कलाकारों की जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे वीर योद्धाओं के बारे में समाज को जागरूक करें। अभिषेक पंडित ने बताया कि महीनों की मेहनत के बाद इस नाटक को 40 लोगों की टीम ने मिलकर तैयार किया। आने वाली युवा पीढ़ी को संदेश देते हुए कहा कि देशभक्ति और मां की भक्ति हम सबकी जिम्मेदारी है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में दर्शकों ने इस शानदार नाटक को देखा।