लखेश्वर यादव/ जांजगीर-चांपा. धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले की बेटी ने धान को लेकर कलात्मक नवाचार किया है. इससे भाइयों की कलाइयां अब धान से बनी राखियों से सज सकेंगी. नवागढ़ ब्लाक के ग्राम सुकली की रहने वाली 21 वर्षीय नंदनी बघेल ने धान से राखी बनाई है. जिससे बाजार में इसकी खूब सराहना हो रही है.
नंदनी ने बताया कि धान की राखी बनाने के लिए रिबन और रंग बाजार से खरीदी है. उन्होंने बताया कि एक राखी के निर्माण में 20 रुपये की लागत आती है लेकिन मेहनत और समय बहुत ज्यादा लगता है. इसलिए उन्होंने बाजार में इसकी कीमत 50 रुपये रखी है. पहली बार में 500 राखी ही बनाई है.
नंदनी ने परंपरागत धान के अलावा चावल, मोती, कौड़ी, स्टोन से खूबसूरत रंग-बिरंगे धागों से सजी राखियों का निर्माण किया है. उन्होंने बताया कि इस वर्ष अच्छी बिक्री होने पर अगले वर्ष से इसकी संख्या बढ़ाई जाएगी. इसकी बिक्री जांजगीर जिला मुख्यालय के कचहरी चौक में स्टाल लगाकर की जाएगी.
शिक्षक से मिली प्रेरणा….
नंदनी ने बताया कि इसकी प्रेरणा उन्हें शिक्षक चूड़ामणि से मिली है. पिछले साल उन्होंने धान से राखी बनाई थी. यूट्यूब से आकृति बनाना सीखी है. उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए यह प्रयास किया है.अगर लोगों का सहयोग रहा तो आगे भी उनका काम जारी रहेगा. नंदनी PGDCA पढ़ाई कर रही है. उनके पिता अनंदराम बघेल और उनकी माता एवं भाई बहन उनको इस कार्य के लिए प्रोत्साहित करते हैं.
किसान राखी का दिया नाम…
नंदनी बघेल ने बताया कि धान की राखी बनाने में बहुत मेहनत लगता है. साथ ही समय भी अधिक लगता है. एक राखी बनाने में आधा घंटा का समय लगता है जबकि इतने समय में दूसरी राखियां पांच से अधिक बनाई जा सकती है. धान से बनी राखियों को किसान राखी का नाम दिया गया है. जिसे आकर्षक पैकिंग के साथ बाजार में विक्रय किया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : August 22, 2023, 19:16 IST