अनंत चतुर्दशी पर सजने लगे बाजार,अनंत को बांधने से पूरी होती हैं इच्छाएं

शशिकांत ओझा/पलामू. हिंदू धर्म में अलग-अलग पर्व और त्योहारों का खास महत्व है, जिसमें अनंत चतुर्दशी की पूजा भी खास महत्व रखती है. जिसे दिन भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है. उसी दिन भगवान विष्‍णु के अनंत रूप का आह्वान किया जाता है. इसके लिए बाजार में धागे के अनंत मिलते हैं. पलामू जिले के डाल्टनगंज बाजार में अनंत पूजा को लेकर धागे का बना  5 रुपए से लेकर 30 रुपए तक मिल रहा है.

दुकानदार राजा कुमार ने बताया कि पिछले 5 वर्षों से हर वर्ष पीएनबी के सामने बैठकर अनंत पूजा के दौरान खुद से बनाकर अनंत बेचते हैं. इसकी कीमत 5 रुपए से 30 रुपए तक है. 30 रुपए वाले अनंत की खासियत है कि वो बाहों में चुभता नहीं है. उन्होंने बताया कि अलग अलग रंग के अनंत के धागे उनके पास मिल रहे हैं. इसमें सबसे खास रेशम के बने अनंत  हैं. इस अनंत में 14 और उससे भी अधिक गांठ बांधी जा सकती है. उनकी दुकान सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक खुली रहती है.

हरी अनंत हरी कथा अनंता, कहहिं सुनहिं बहुविधि सब संता
पुजारी श्यामा बाबा ने राम चरित मानस की चौपाई ‘हरी अनंत हरी कथा अनंता’ के माध्यम से अनंत चतुर्दशी के महत्व को बताया. उन्होंने बताया कि अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. जिसमें एक धागे में अनंत धागे लपेटे हुए होते हैं. जिस प्रकार उस धागे की गिनती नहीं की जा सकती. उसी प्रकार श्री हरि विष्णु भी अनंत हैं, जो क्षीर सागर ( दूध का सागर) में विश्राम कर रहे हैं.

व्रत रखने से अनंत फल की प्राप्ति
पुजारी ने बताया कि उन्हें आह्वान कर अनंत के धागे को प्रतीक मानकर भुजा में बांधा जाता है, जो प्रेम और शक्ति का प्रतीक है. उन्होंने बताया कि सूती कपड़े को शुद्ध माना जाता है. इसके 14 गांठ वाले अनंत सूत्र भुजा में बांधने से हर मनोकामना पूरी हो जाती है. इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से अनंत फल की प्राप्ति होती है.

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