‘अगर ये 285 छात्र मदरसों में पढ़ते तो कभी डॉक्टर नहीं बन पाते’: हिमंत सरमा

रायपुर. असम में मदरसों को बंद करने की अपनी नीति का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सशक्तिकरण पर जोर दिया. छत्तीसगढ़ में भाजपा की परिवर्तन यात्रा में हिस्सा लेने आए असम के सीएम ने कहा, “हमने असम में मदरसे बंद कर दिए, हमने कहा कि लड़कियों को इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई करनी चाहिए… असम में कुल 1500 मेडिकल सीटें हैं और 285 सीटों पर मुस्लिम बच्चे पढ़ रहे हैं इसलिए हम सशक्तिकरण की बात करते हैं. अगर ये छात्र मदरसों में पढ़ते तो ये 285 छात्र कभी डॉक्टर नहीं बन पाते, इसलिए हमें तुष्टिकरण नहीं करना चाहिए, हमें लोगों को सही दिशा दिखानी चाहिए, यही एक राजनेता का कर्तव्य है…”

हिमंत बिस्वा सरमा ने छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर भी अपनी राय जाहिर की. उन्होंने रायपुर में कहा, “जिस तरह से छत्तीसगढ़ में खुलेआम धर्मांतरण हो रहा है, यह देश के लिए अच्छा नहीं है… अगर शिक्षित लोग स्वयं धर्म परिवर्तन करने का निर्णय लेते हैं, तो मुझे कोई समस्या नहीं है, लेकिन चिकित्सा सुविधाओं और शिक्षा की पेशकश करके, गरीब लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए लालच नहीं दिया जाना चाहिए, यह पाप है.”

महिला आरक्षण बिल पर क्या बोले हिमंत बिस्वा सरमा
नए संसद भवन में कार्यवाही के पहले दिन लोकसभा में महिला आरक्षण से जुड़ा बिल ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ पेश किया गया. इसे लेकर असम के सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की और कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने कहा, “आज का दिन हमारे इतिहास का स्वर्णिम दिन है. इतिहास हमारी माताओं और बहनों को 33% आरक्षण देने के लिए पीएम मोदी को हमेशा याद रखेगा… यह बिल कांग्रेस का ही था, लेकिन वे इसे पारित नहीं कर सके क्योंकि उनके अपने सहयोगी दलों ने इसका विरोध किया, यह एक निश्चित क्रिकेट मैच जैसा लग रहा था… बिल आपका (कांग्रेस) था और बिल पास न करने की साजिश भी आपकी थी.”

Tags: Bhupesh Baghel, BJP, Congress, Himanta biswa sarma



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