अगर घर में कछुआ पालने का है शौक, तो जान लें नियम… नहीं तो होगी 7 साल की जेल

सत्यम कुमार/भागलपुर. अगर आपने अपने घर में कछुआ रखा है तो सावधान हो जाएं, नहीं तो जेल जाना पड़ सकता है. बिहार के भागलपुर में वन विभाग के द्वारा इसको लेकर लगातार सख्ती बरती जा रही है. विलुप्त हो रहे जीवों पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है. शहर के आस-पास कछुए पाए जाते हैं. लोग शौक-शौक में कछुओं को अपने घरों में पालते हैं. लेकिन अब ऐसा करना उनके लिये परेशानी का सबब बन सकता है. वन विभाग के डॉक्टर संजीत कुमार की मानें तो कछुआ पालना अपराध है. अगर आप घर में कछुआ को एक्वेरियम में पाल रहे हैं तो भी यह अपराध है. इसके लिए आपको सात साल की सजा हो सकती है.

वन विभाग के डॉक्टर के मुताबिक भागलपुर में आठ प्रजाति के कछुए पाए जाते हैं. वर्ष 1972 में वन्य जीव संरक्षण नियम के तहत इसको पहली श्रेणी में रखा गया है. पहली श्रेणी में काला हिरण, बाघ, शेर, चीता जैसे वन्य जीवों को रखा गया है. इसी कैटेगरी में कछुआ को भी रखा गया है. इससे आप समझ सकते हैं कि जो धारा आपको काला हिरण पकड़ने में लगता है, वही धारा कछुआ पालने में भी लगता है. इसलिए आम लोग अपने घरों में कछुआ न पालें. इसके लिए जेल का प्रावधान है. बता दें कि, बिहार और झारखंड का एकमात्र रेस्क्यू सेंटर भागलपुर के सुंदर वन में है.

अगर आपके पास है कछुआ, तो वन विभाग को सौंप दें

डॉ. संजीत ने बताया कि अगर आपके पास भी कछुआ है तो उसे आप वन विभाग को सौंप दें. आपके पर कार्रवाई नहीं होगी. लेकिन अगर आपको वन विभाग पकड़ती है तो जेल जाना होगा. किसी भी प्रजाति का कछुआ पालना या बेचना कानूनन जुर्म है. उन्होंने बताया कि कई लोगों के घरों में जाते हैं या दुकानदार के पास जाते हैं तो वो बताते हैं कि यह विदेशी प्रजाति है, लेकिन वो अपने यहां की प्रजाति पाई जाती है. इसलिए अब आप अपने घरों से कछुए को सुंदर वन पहुंचा दें. कई लोगों ने कछुए को सुंदर वन पहुंचाया भी है.

उन्होंने बताया कि अभी कछुए की तबियत खराब हो गई है, उसको सही होने के बाद उसे प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया जाएगा.

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